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पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में एलओसी के समीप दिखी चीनी सेना

Special News Coverage
13 March 2016 11:14 AM GMT
Indian Army


श्रीनगर : पाक अधिकृत कश्मीर में दिखी चीनी सेना, जी हां, लद्दाख क्षेत्र में लगातार घुसपैठ के बाद चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नियंत्रण रेखा पर स्थित अग्रिम चौकियों पर देखा गया जिससे सुरक्षा बल सजग हो गए हैं।

घटनाक्रमों की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि सेना ने उत्तर कश्मीर के नौगांव सेक्टर के सामने स्थित अग्रिम चौकियों पर पीएलए के वरिष्ठ अधिकारियों को देखा। इसके बाद पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों के कुछ संवाद पकड़ में आए जिनसे पता चलता है कि चीनी सैनिक नियंत्रण रेखा से लगे इलाकों में कुछ निर्माण कार्य करने आए हैं।

सूत्रों ने कहा कि सेना ने इस मुद्दे पर आधिकारिक रूप से पूरी तरह चुप्पी साधे हुई है लेकिन वह विभिन्न खुफिया एजेंसियों को नियंत्रण रेखा पर पीएलए सैनिकों की मौजूदगी की लगातार सूचनाएं दे रही है। पिछले साल के आखिर में पीएलए सैनिकों को पहली बार देखा गया था और तब से तंगधार सेक्टर के सामने भी उनकी मौजूदगी देखी गयी है।

इस इलाके में चीनी सरकार के स्वामित्व वाली चाइना गेझौबा ग्रुप कंपनी लिमिटेड 970 मेगवाट की झेलम-नीलम पनबिजली परियोजना का निर्माण कर रही है। यह पनबिजली परियोजना उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा में भारत द्वारा बनायी जा रही किशनगंगा विद्युत परियोजना के जवाब में बनायी जा रही है। किशनगंगा परियोजना 2007 में शुरू हुई थी और इस साल इसके पूरा होने की उम्मीद है।

पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों की बातचीत में यह भी पता चला कि पीएलए पीओके में लीपा घाटी में कुछ सुरंगें खोदेगी। ये सुरंगें हर मौसम में चालू रहने वाली एक सड़क के निर्माण के लिए खोदी जाएंगीं। यह सड़क काराकोरम राजमार्ग जाने के एक वैकल्पिक रास्ते के तौर पर काम करेगी।

पीएलए अधिकारियों के दौरे को कुछ विशेषज्ञ 46 अरब डॉलर की लागत से चीन द्वारा बनाए जा रहे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के हिस्से के रूप में देख रहे हैं जिसके तहत कराची के ग्वादर बंदरगाह को काराकोरम राजमार्ग के रास्ते चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ा जाएगा। कारोकोरम राजमार्ग चीन के अवैध कब्जे वाले क्षेत्र में आता है।

सीपीईसी परियोजना को अंतिम रूप दिए जाने के दौरान भारत ने पिछले साल गिलगिट और बल्टिस्तान में चीनी सैनिकों की मौजूदगी को अस्वीकार्य बताते हुए उसे लेकर विरोध दर्ज कराया था। यह क्षेत्र पीओके में आता है। देश के सुरक्षा हलकों के कुछ विशेषज्ञ पाकिस्तानी सेना अधिकारियों की करीबी निकटता में पीएलए की मौजूदगी को लेकर गंभीर चिंता जताते आए हैं। चीनी अधिकारियों ने कई बार कहा है कि सीपीईसी यूरेशिया से एशिया को जोड़ने वाला एक आर्थिक पैकेज है।
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