Archived

किसान रैली : पीएम मोदी बोले, 2022 तक किसानों की आय दोगुना करना हमारा लक्ष्‍य

Special News Coverage
28 Feb 2016 11:17 AM GMT
2022 तक किसानों की आय दोगुना करना हमारा लक्ष्‍य



बरेली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के बरेली में 'किसान रैली' को संबोध‍ित किया। इस रैली में देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह भी उनके साथ मौजूद थे।

रैली को संबोध‍ित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, आज किसानों को पानी मिल जाए तो मिट्टी से सोना पैदा कर दे। बेटी के जन्म पर हर किसान एक पेड़ लगाए। केंद्र सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है। 2022 तक किसानों की आय दोगुना करना हमारा लक्ष्‍य है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्य सरकारें किसान तथा कृषि को अपनी प्राथमिकता सूची में रखें। सभी को पता है कि कृषि पूरी तरह केंद्र के पास नहीं है। राज्य सरकार के हाथ में भी काफी कुछ है। ईश्वर के बाद किसानों की कोई मदद नहीं करता। राज्य सरकारें किसानों व कृषि को प्राथमिकता में लें।

प्रधानमंत्री ने मनरेगा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'मनरेगा कि बातें बहुत होती है, पहले मनरेगा का क्या हुआ भगवान जाने। आपको गांव में भी मनरेगा के पैसे आए होंगे, लोगों की जेब में गए होंगे। गांवों में पूछो क्या हुआ तो कुछ नजर नहीं आता। ' मोदी ने यह भी कहा कि हम किसान के बेटे हैं, हमें धरती मां पर अत्याचार करने का कोई हक नहीं बनता है।

पीएम मोदी ने कहा देश का किसान श्रम का देवता है। मैं उन्‍हें नमन करता हूं, धरती हमारी माता है। हमने वाटर मैनेजमेंट को प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना बनाई है।

पीएम मोदी ने कहा कि बुंदेलखंड में पानी की व्यवस्था नहीं है जबकि यहां पांच-पांच नदियां हैं। पीएम मोदी ने 50 हजार करोड़ योजना की प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना की बात कही। उन्होंने कहा कि एक-एक बूंद सब बचाएं। सब कोशिश करें कि गांव का पानी गांव में रहे। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वह अपने गांव में नालियां बनाएं जिससे बारिश का पानी कहीं जाकर जमा हो जाए।


पीएम मोदी ने कहा कि खेती को तीन हिस्सों में बांटे। पहली उपज प्राप्त करें। दूसरी किसान खेतों के अंतिम छोर पर टिम्बर की खेती करें। संकट में यह पेड़ उनका संकटमोचक बनेगा। तीसरे हिस्से में जानवरोंं के लिए चारा की व्यवस्था करें। तीसरे कैटगरी के तहत किसान मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि खेती के लिए पानी के संकट को भी दूर करने की जरूरत है ताकि खेती बर्बाद न हो। नदियों को जोडऩे की जरूरत है। इससे बाढ़ से भी बचेंगे और सूखे से भी बचेंगे। पचास हजार करोड़ की लागत से प्रधानमंत्री सिंचाई योजना लागू करने का बीड़ा सरकार ने उठाया है।
Next Story