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इंटरनेशनल सोलर अलायंस : पीएम मोदी बोले- 'गठबंधन में सबसे बड़े साथी हैं सूर्य देवता'
Arun Mishra
11 March 2018 8:15 AM GMT
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समिट में फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका समेत 23 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, 10 देशों के मंत्री और 121 देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।
नई दिल्ली : चार दिन के भारत दौरे पर आए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का आज दौरे का दूसरा दिन है। रविवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आईएसए) के पहले समिट की शुरुआत हो गई। समिट का उद्देश्य यहां शिरकत करने वाले देशों को सस्ती, स्वच्छ और और नवीकरणीय ऊर्जा मुहैया कराना है।
समिट का उद्घाटन फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने किया। समिट में फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका समेत 23 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, 10 देशों के मंत्री और 121 देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इसे दुनिया के सोलर एनर्जी सेक्टर में भारत और फ्रांस की बड़ी पहल माना जा रहा है। तीन साल पहले गुड़गांव में आईएसए के हेडक्वार्टर की नींव रखी गई थी।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि इंटरनेशनल सोलर अलायंस का नन्हा पौधा आप सभी के सम्मिलित प्रयास और प्रतिबद्धता के बिना रोपा ही नहीं जा सकता था। इसलिए मैं फ्रांस का और आप सबका बहुत आभारी हूं। 121 सम्भावित देशों में से 61 इस अलायंस से जुड़ चुके हैं और 32 देशों ने रूपरेखा समझौते पर सहमति जता दी है।
-पीएम मोदी ने सम्मेलन में शामिल विश्व नेताओं के सामने ये भी बताया कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार कार्यक्रम शुरू किया गया है।
-पीएम ने बताया, 'हम 2022 तक इससे 175 गीगा वाट बिजली उत्पन्न करेंगे जिसमें से 100 गीगा वाट बिजली सौर से होगी।'
-पीएम मोदी ने कहा कि आज जब हम जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने का रास्ता देख रहे हैं, तो प्राचीन समय की तरफ देखना होगा । हमारा हरित भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम साथ मिलकर क्या कर सकते हैं।
-पीएम मोदी ने कहा, 'भारत में वेदों ने हजारों साल पहले से सूर्य को विश्व की आत्मा माना है। भारत में सूर्य को पूरे जीवन का पोषक माना गया है।
-पीएम ने कहा कि आज जब हम जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने का रास्ता देख रहे हैं, तो प्राचीन दर्शन के संतुलन और समग्र दृष्टिकोण की ओर देखना होगा। हमारा हरित भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम साथ मिलकर क्या कर सकते हैं।'
- वहीं भारत दौरे पर आए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा- 'हम प्रधानमंत्री मोदी के साथ प्रतिबद्ध हैं और हम दोनों की रफ्तार एक जैसे जुनून को पैदा करती है जिससे लोग प्रेरित होते हैं और मिलकर काम को पूरा करते हैं।लेकिन हमारा जुनून ठोस परिणाम लाने का है, इसलिए हम नए सिरे से काम मे रफ्तार ला रहे हैं। हम प्रतिबद्धता के साथ हमारे देश और धरती के लिए काम को पूरा कर रहे हैं। '
अंतर्राष्ट्रीय सोलर गठबंधन शिखर सम्मेलन की शुरूआत पेरिस में 30 नवंबर, 2015 को हुई थी। संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति ने इसकी संयुक्त रूप से शुरूआत की थी। भारत में आयोजित पहले अंतर्राष्ट्रीय सोलर गठबंधन शिखर सम्मेलन में फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, कोमोरोस, क्यूबा, फिजी, गिनी, घाना, मलावी, माली, मॉरीशस, नॉरू, नाइजर, पेरू, सेशेल्स, सोमालिया, दक्षिण सूडान और तुवालु देश शामिल हो रहे हैं।
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