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CAA पर विज्ञापन को लेकर केरल सरकार और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान में ठनी
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और सीपीआईएम के नेतृत्व वाली लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार आमने-सामने आ गए हैं. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सीएए के खिलाफ अखबारों में विज्ञापन छपवाने के केरल सरकार के कदम की कड़ी आलोचना की है.
सीएए के खिलाफ विज्ञापन को अनावश्यक बताते हुए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि केरल की एलडीएफ सरकार अपने राजनीतिक कैम्पेन के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ अखबारों के पहले पेज पर विज्ञापन छपवा रही है और पब्लिक के पैसे की बर्बादी कर रही है. केरल की पिनाराई विजयन सरकार ने शुक्रवार को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अखबारों के पहले पेज पर विज्ञापन छपवाया था.
इस सरकारी विज्ञापन में दावा किया गया कि राज्य सरकार संवैधानिक मूल्यों की रक्षा की कोशिश कर रही है. इसके लिए केरल विधानसभा ने सबसे पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया. केरल सरकार के इस विज्ञापन में कहा गया कि राज्य सरकार ने जनता की चिंताओं को दूर करने के लिए साहसिक कदम उठाया है और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) अभियान पर रोक लगा दी है. एनपीआर के जरिए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) लाने की कोशिश पर भी रोक लग गई है.
इस विज्ञापन में यह भी दावा किया गया कि केरल राज्य गरीबी दूर करने, स्वास्थ्य, शिक्षा और लैंगिक समानता के मामले में सबसे आगे हैं. ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स में केरल राज्य पहले स्थान पर है.
दिल्ली में मीडिया से बातचीत में आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि राजनीतिक कैम्पेन के लिए पब्लिक के पैसे को बर्बाद करना पूरी तरह से अनुचित है. संसद द्वारा पारित कानून के खिलाफ कैम्पेन चलाने में पब्लिक के पैसे का इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसा करना मुझको थोड़ा अजीब लगता है. केरल के राज्यपाल ने कहा कि अगर नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ राजनीतिक पार्टी द्वारा पैसा खर्च किया गया होता, तो इसमें कोई दिक्कत नहीं थी.
यह पहली बार नहीं है, जब नागरिकता संशोधन कानून को लेकर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और पिनाराई विजयन सरकार आमने सामने आए हैं. इससे पहले राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल विधानसभा में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रस्ताव पास करने को गलत और असंवैधानिक बताया था.