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गृह मंत्री अमित शाह ने पेश किया UAPA बिल, विपक्षी दलों से बोले- आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर समर्थन करें
नई दिल्ली : राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यूएपीए बिल पेश किया. इस दौरान अमित शाह ने कहा, एनआईए की जांच में सजा दर सर्वाधिक है. उन्होंने कहा कि कानून के दुरुपयोग का कांग्रेस इतिहास सभी जानते हैं. कांग्रेस को जवाब सुनना होगा. यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, न कि कांग्रेसी सरकार है. कांग्रेस ने धर्म को आतंक से जोड़ने की कोशिश की थी. समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में कांग्रेस की सरकार ने यही किया था.
उन्होंने कहा कि सबूतों के अभाव में आतंकियों को छूट नहीं मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा, किसी के मानवाधिकार उल्लंघन का सवाल ही नहीं उठता. इसमें 4 स्तरों पर अपील का अधिकार है. उन्होंने बिल पर सदन को एकजुट होने की अपील की. अमित शाह ने यह भी कहा कि यह बिल लेकर मैं नहीं आया हूं. मैं तो बस संशोधन विधेयक पेश कर रहा हूं. इसमें पहले भी संशोधन हो चुके हैं, तब कांग्रेस की सरकार थी.
अमित शाह ने कहा कि समय के साथ एजेंसियों को मजबूत करने की जरूरत है. जब कांग्रेस की सरकार थी और संशोधन विधेयक पेश हुए थे, तब हमने भी समर्थन किया था. आतंकवाद को लेकर किसी का साथ नहीं दिया जा सकता. इस समय आतंकवाद के खिलाफ मजबूत कानून की जरूरत है.
उन्होंने कहा, यह कानून एकमत से अगर हम पारित करें तो एजेंसियों के लिए यहां से अच्छा संदेश जाएगा. इसके अलावा आतंकवाद के मुद्दे पर भी यह संदेश जाएगा कि यह सदन एकजुट है.
कांग्रेस ने क्या कहा?
अमित शाह के बाद कांग्रेस की ओर से बोलते हुए पी चिदंबरम ने कहा, हम बिल का विरोध नहीं कर रहे हैं, बस हमें कुछ प्रावधानों पर आपत्ति है. इस पर अमित शाह ने कहा, हालात कुछ ऐसे हैं. कुछ आतंकवादी विदेश भाग गए हैं. अगर हम कुछ प्रावधानों को लचीला रखेंगे तो जांच में बाधा उत्पन्न होगी.