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जन्मदिन विशेष : 'मिसाइल मैन' एपीजे अब्दुल कलाम से जुड़ी कुछ खास बातें

Ekta singh
15 Oct 2017 9:15 AM GMT
जन्मदिन विशेष : मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम से जुड़ी कुछ खास बातें
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देश के पूर्व राष्ट्रपति और 'मिसाइल मैन' स्व. एपीजे अब्दुल कलाम का आज जन्मदिन है। रविवार को अब्दुल कलाम के 86 वीं जयंती समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हिस्सा लेंगे।
देश के पूर्व राष्ट्रपति स्व: एपीजे अब्दुल कलाम का जन्मदिन है. 'मिसाइल मैन' के नाम से लोकप्रिय एपीजे अब्दुल कलाम का रविवार को 86वीं जयंती है। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एपीजे अब्दुल कलाम के परिवार से बात भी करेगे।
पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 रामेश्वरम में हुआ था. उन्होंने अपनी पढ़ाई सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से की थी. उन्हें साल 2002 में भारत का राष्ट्रपति बनाया गया था. वहीं, पांच वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद वे वापस शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा में लौट आए थे.
वे मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक के रूप में चार साल तक रक्षा अनुसंधान एंव विकास संगठन में और इसरो को भी ही संभाला है. अब्दुल कलाम देश में सैन्य मिसाइल के विकास के प्रयासों में भी शामिल रहे.
एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11वे राष्ट्रपति थे. उन्हें 1997 में भारत रत्न अवार्ड से सम्मनित हो चुके है. इसके अलावा उन्हें पद्म विभूषण, रामानुजन पुरस्कार, मानद डॉक्टेरेट, डॉक्टर ऑफ साइंस जैसे कई अवार्ड से सम्मनित हुए.
डीआरडीओ के पूर्व चीफ की मानें तो 'अग्नि' मिसाइल के टेस्ट के समय राष्ट्रपति अब्दुल कलाम काफी नर्वस थे. वे अपने पास हमेसा इस्तीफा साथ ले कर गुमते थे. उनका कहना था कि अगर कुछ भी गलत हुआ तो वो इसकी जिम्मेदारी लेंगे और अपना पद छोड़ देंगे.

राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने अपनी किताब में एक घटना का जिक्र किया है, उन्होंने लिखा है जब वह SU-30 MKI एयर क्राफ्ट उड़ा रहे थे तो एयर क्राफ्ट के निचे उतरने पर कई नौजवान और मीडिया के लोगो ने उनसे बात करने लगे. इस दोरान किसी ने उनसे पूछा कि 74 साल की उम्र में सुपरसोनिक फाइटर एयरक्राफ्ट चलाने में डर नहीं लगा.
इस पर डॉ अब्दुल कलाम ने जवाब दिया '40 मिनट की फ्लाइट के दौरान मैं यंत्रों को कंट्रोल करने में व्यस्त रहा और इस दौरान मैंने डर को अपने अंदर आने का समय ही नहीं दिया.

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का 27 जुलाई, 2015 को शिलॉंग में निधन हो गया था वे आईआईएम शिलॉन्ग में लेक्चर देने गए थे, इसी दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था।

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