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ऐसे थे अरुण जेटली : जहां बेटा-बेटी ने की पढ़ाई, वहीं ड्राइवर और कुक के बच्चों को भी पढ़ाया
पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली लोगों की मदद करने में हमेशा आगे रहते थे. अपने करीबियों का तो उन्होंने हर कदम पर साथ दिया ही, निजी स्टाफ का भी भरपूर खयाल रखा. स्टाफ का परिवार, उनके अपने परिवार के जैसा था. उनकी दवा हो या पढ़ाई, जेटली ने सबका खयाल रखा.
यह एक तरह की परंपरा थी कि उनके कर्मचारियों के बच्चे उसी जगह पढ़ते, जहां जेटली की संतानें पढ़ा करती थीं. दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित कार्मल कॉन्वेंट स्कूल में जेटली के बच्चों ने पढ़ाई की, वहीं से उनके ड्राइवर जगन और कुक जोगेंद्र के बच्चे भी पढ़े.
अगर किसी स्टाफ का बच्चा विदेश जाकर पढ़ाई करने की इच्छा जाहिर करता तो जेटली ने उसका भी इंतजाम किया. जेटली परिवार के खानसामा की दो बेटियों में से एक इस समय लंदन में पढ़ाई कर रही है.
संसद में साये की तरह जेटली संग रहने वाले गोपाल भंडारी का एक बेटा इंजीनियर तो दूसरा डॉक्टर है. वकालत की प्रैक्टिस के दिनों से जेटली के साथ रहे सुरेंद्र का जिम्मा था कि वह पूरे स्टाफ की जरूरतों का ध्यान रखें. 2005 में जेटली ने अपने असिस्टेंट रहे ओपी शर्मा के बेटे को कानून की पढ़ाई के दौरान VIP नंबर वाली अपनी कार तोहफे में दे दी थी.
अरुण जेटली का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को एम्स में 66 वर्ष की आयु में निधन हो गया. सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद जेटली को नौ अगस्त को भर्ती कराया गया था. यहां उनकी हालत लगातार बिगड़ती रही और उन्हें बाद में लाइव सपोर्ट सिस्टम पर रखना पड़ा.