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LIVE: अयोध्या मुद्दे पर तीखी बहस, मुस्लिम पक्ष के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में फाड़ा नक्शा

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16 Oct 2019 5:48 AM GMT
LIVE: अयोध्या मुद्दे पर तीखी बहस, मुस्लिम पक्ष के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में फाड़ा नक्शा
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सीजेआई रंजन गोगोई ने उम्मीद जताई थी कि 17 अक्टूबर तक इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली जाएगी और 17 नवंबर को अयोध्या मसले पर फैसला सुना दिया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर अंतिम दिन की सुनवाई चल रही है. बुधवार सुनवाई की शुरुआत से ही सर्वोच्च अदालत में तीखी बहस जारी है. बुधवार को जब हिंदू महासभा की ओर से दलील देना शुरू हुआ तो अदालत में बहस छिड़ गई. हिंदू महासभा के वकील की ओर से सुप्रीम कोर्ट में किताब दिए जाने पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने आपत्ति जताई. इसी दौरान उन्होंने अदालत में एक नक्शा भी फाड़ डाला.

हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने जब अदालत में एक किताब को रखने की कोशिश की तो मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने आपत्ति जताई और कहा कि अगर ऐसा हुआ तो वह इनके सवालों का जवाब नहीं देंगे. इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि ठीक है, आप जवाब मत देना. दरअसल, हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने एडिशनल डॉक्यूमेंट के तौर पर पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल की किताब बेंच को दी थी.

इसपर विकास सिंह ने कहा कि मैं किताब पर अपना जवाब नहीं दे रहा हूं लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक एक नक्शा दिखाना चाहता हूं.

हालांकि, राजीव धवन ने इसपर भी आपत्ति जताई और कहा कि ये भी किताब का हिस्सा है, इसे मंजूरी नहीं दी जा सकती है. इतना कहते ही राजीव धवन ने उस नक्शे को फाड़ दिया, पांच टुकड़े कर दिए. हिंदू महासभा के वकील ने इस दौरान बुकनन और थ्रेलर की किताबों का हवाला दिया.

गुस्से में राजीव धवन ने कहा कि आपने कोर्ट का मजाक बना रखा है. जवाब में विकास सिंह ने भी कहा कि मजाक तो आप बना रहे हैं. इसके अलावा विकास सिंह ने ऑक्सफोर्ड की किताब का हवाला दिया और जन्मस्थान की पुष्टि की. विकास सिंह ने कहा कि बाबर उदार था, लेकिन औरंगजेब कट्टर शासक था. बाबरनामा में ऐसी किसी बात का जिक्र नहीं है.

चीफ जस्टिस हुए खफा...

वकीलों की तीखी बहस के बीच चीफ जस्टिस खफा हुए. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान कहा कि हमारी तरफ से दोनों ओर से बहस पूरी हो चुकी है. हम सिर्फ इस इसलिए सुन रहे हैं कि कोई कुछ कहना चाहता है तो कह दे. हम अभी उठ कर जा भी सकते हैं.

अयोध्या भूमि विवाद में बुधवार को संभवत: आख़िरी दिन की सुनवाई होगी. हालांकि उससे पहले एक बड़ी खबर आई. विवादित जमीन पर से सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड ने अपना दावा छोड़ दिया है.

सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कब्जे के खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील फाइल की है. फ़िलहाल इस ज़मीन पर अखाड़ा परिषद का कब्ज़ा है. साल 1934 से मुस्लिम पक्ष के पास कब्ज़ा नहीं है.

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पूरी होने के बाद रामलला के वकील सीएस वैधनाथन से कहा कि वे बुधवार को 45 मिनट बहस कर सकते हैं. मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर भी आज ही सुनवाई हो सकती है.

कोर्ट ने कहा बुधवार को एक घंटा मुस्लिम पक्षकार जवाब देंगे. चारों पक्षकारों को 45-45 मिनट मिलेंगे. यानि कि अयोध्या मामले की सुनवाई बुधवार को ही खत्म होने की उम्मीद है.

इस बीच बताया जा रहा है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड विवादित ज़मीन पर अपना दावा छोड़ सकता है. ज़ाहिर है सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कब्जे के खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील फाइल की है. फ़िलहाल इस ज़मीन पर अखाड़ा परिषद का कब्ज़ा है. साल 1934 से मुस्लिम पक्ष के पास कब्ज़ा नहीं है.

मंगलवार को सुनवाई के दौरान एक हिन्दू पक्ष ने दलील दी कि भारत विजय के बाद मुगल शासक बाबर द्वारा करीब 433 साल पहले अयोध्या में भगवान राम के जन्म स्थान पर मस्जिद का निर्माण कर 'ऐतिहासिक भूल' की गयी थी और अब उसे सुधारने की आवश्यकता है.

अयोध्या मामले में अभी तक 39 दिन की सुनवाई चली है.

सीजेआई रंजन गोगोई ने उम्मीद जताई थी कि 17 अक्टूबर तक इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली जाएगी और 17 नवंबर को अयोध्या मसले पर फैसला सुना दिया जाएगा. 17 नवंबर को ही सीजेआई रंजन गोगोई रिटायर हो रहे हैं.

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