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Ayodhya News: कोर्ट ने विवादित जमीन मंदिर को सौंपी, मस्जिद के लिए मिलेगी अलग जगह, पढिये 10 बड़ी बातें

Special Coverage News
10 Nov 2019 3:01 AM GMT
Ayodhya News: कोर्ट ने विवादित जमीन मंदिर को सौंपी, मस्जिद के लिए मिलेगी अलग जगह, पढिये 10 बड़ी बातें
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नई दिल्ली: शनिवार को सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने पांच जजों की बैंच के साथ सुना दिया. फैसले को लेकर यूपी समेत कई राज्यों में हाई एलर्ट था. अब तक सभी जगह आम जन मानस अपने कार्य में लगा है जबकि प्रसाशन अपनी पूरी तैयारी में लगा हुआ है ताकि कोई अभी अप्रिय घटना न घटे. अब पूरे उत्तर प्रदेश में शांतिपूर्ण माहौल बना हुआ है.

इस मामले में Ayodhya News: कोर्ट ने विवादित जमीन मंदिर को सौंपी, मस्जिद के लिए मिलेगी अलग जगह, पढ़ें 10 बड़ी बातें

1-कोर्ट ने अपने फैसले में रामलला विराजमान को विवादित जमीन देने का फैसला किया है. इस फैसले के साथ ही रामलला को 2.77 एकड़ जमीन मिलेगी. यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने सुनाया है. इस बेंच में CJI रंजन गोगोई भी शामिल थे.

2-फैसले के दौरान कोर्ट ने कहा कि हमारे सामने जो सबूत रखे गए वह बताता है कि विवादित जमीन हिंदुओं की है.

3-कोर्ट के इस फैसले का सभी राजनीतिक पार्टियों ने स्वागत किया है. इस फैसले के बाद तमाम पार्टियों ने इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी.

4-हिंदुओं का मानना है कि ध्वस्त संरचना के स्थान पर भगवान राम का जन्म हुआ था. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि उस जगह के आसपास सीता रसोई, राम चबुतरा और भंडार गृह के अस्तित्व का प्रमाण मिला है.

5-कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मंदिर के निर्माण के लिए सरकार पहले एक ट्रस्ट बनाए. इसके लिए सरकार को तीन महीने का समय दिया गया है.

6-मस्जिद के लिए जमीन देने का ऐलान करते हुए कोर्ट ने कहा कि ऐसा करना जरूरी है. क्योंकि हम जिस राष्ट्र में रहते हैं वहां सहिष्णुता और आपसी सह-अस्तित्व हमारे राष्ट्र और इसके लोगों की धर्मनिरपेक्ष प्रतिबद्धता को पोषण करते हैं.

7-कोर्ट ने कहा कि 1992 में बाबरी मस्जिद को ढहाना गैर-कानूनी कदम था. हम उसकी निंदा करते हैं. कोर्ट ने कहा कि हमें जो सबूत दिए गए हैं उसके अनुसार मस्जिद के नीचे कभी मंदिर था, यह साबित होता है.

8-फैसला देने से पहले 40 दिन तक चली थी कोर्ट में सुनवाई. इसके बाद ही कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था.

9-सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने सुनाया है. इस पीठ में CJI रंजन गोगोई भी शामिल हैं.

10-कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए ASI द्वारा की जांच को एक अहम सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया है. कोर्ट ने इसे आधार भी माना है.

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