- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
सेना प्रमुख का कड़ा संदेश, 'कश्मीरी युवा भूल जाएं 'आजादी', आप सेना से नहीं लड़ सकते'
Arun Mishra
10 May 2018 7:43 AM GMT
x
सेना प्रमुख ने कश्मीरी युवाओं को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्हें लगता है कि हम उनके लिए लड़ेंगे जो अलग होकर आजादी पाना चाहते हैं तो ऐसा नहीं होगा, कभी भी नहीं।
नई दिल्ली : कश्मीर के युवा जिन्होंने पत्थरबाजी और हथियार उठाने को अपना पेशा बना लिया है, उन्हें भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कड़े शब्दों में स्पष्ट संदेश दिया है। जनरल रावत ने कहा कि वे भारतीय सेना से लड़ नहीं सकते हैं और इस तरह से उन्हें आजादी नहीं मिल सकती है। प्रमुख अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार में सेना प्रमुख ने कश्मीरी युवाओं को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्हें लगता है कि हम उनके लिए लड़ेंगे जो अलग होकर आजादी पाना चाहते हैं तो ऐसा नहीं होगा, कभी भी नहीं।
सेना प्रमुख ने आगे कहा कि कश्मीर में जब से आतंकवादियों के द्वारा अपने गुट में नए लोगों को शामिल किया गया है, मौतों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है। लेकिन इसके बाद हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि कितने आतंकवादी मारे गए। उन्होंने कहा कि सेना और भारतीय प्रशासन हत्या नहीं चाहते हैं, लेकिन अगर ऐसा करने के लिए मजबूर किया जाएगा तो ये भी करना पड़ेगा।
जनरल रावत ने कहा कि वह हत्याओं से परेशान होते हैं। उन्होंने कहा, 'हमें इसमें मजा नहीं आता। लेकिन आप हमसे लड़ेंगे तो हम अपनी पूरी ताकत से लड़ेंगे. कश्मीरियों को यह बात समझनी होगी कि सुरक्षाबल इतने बर्बर नहीं हैं। आप सीरिया और पाकिस्तान को देखें। वहां ऐसे हालात में टैंकों और हवाई ताकत का इस्तेमाल किया जाता है। तमाम उकसावे के बावजूद हमारे सैनिक इसकी पूरी कोशिश करते हैं कि नागरिकों को किसी तरह का नुकसान न हो। मैं जानता हूं कि युवा गुस्से में हैं, लेकिन सुरक्षा बलों पर हमला करना, हम पर पत्थर फेंकना कोई रास्ता नहीं है।'
जनरल रावत ने कहा कि वह इस बात को समझते हैं कि कश्मीर मसले का सैनिक समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, 'राजनीतिज्ञों, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को गांवों में, खासकर दक्षिण कश्मीर में जाकर लोगों से बात करनी चाहिए।'
Next Story