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तीन बड़े बिल लाने के बाद बीजेपी को दोहरा झटका, आर्थिक राजधानी और सबसे बड़े प्रदेश से हो गया सफाया!
बीते दो माह में तीन प्रदेशों में विधानसभा चुनाव का आयोजन किया गया. तीनों प्रदेशों में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार थी. इन प्रदेशों में हरियाणा , महाराष्ट्र और झारखंड थे. हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर , महाराष्ट्र में शिवसेना के समर्थन से देवेंद्र फडनवीस और झारखंड में आजसू के समर्थन से रघुवर दास मुख्यमंत्री थे. बीजेपी ने तीनों प्रदेश में अलग अलग नारा दिया था.
हरियाणा में नारा था "अबकी बार 75 पार" लेकिन बीजेपी को चालीस सीटों पर जीत हासिल हुई और जेजेपी के दुष्यंत चौटाला के साथ मिलकर और निर्दलियों के साथ मिलकर सरकार बनानी पड़ी.
महाराष्ट्र में बीजेपी का नारा था, अबकी बार 200 पार. लेकिन बीजेपी सिर्फ 105 सीटों पर जीत सकी और उसकी सहयोगी पार्टी 56 सीटें मिली. पूर्ण बहुमत की सरकार बनना तय हो गया. ठीक उसी समय उसकी सहयोगी पार्टी ने मांग की कि चुनाव से पूर्व हुए तालमेल के तहत इस बार सीएम शिवसेना का बनेगा. और बात बिगड़ गई देश की आर्थिक राजधानी खे जाने वाले प्रदेश से भी बीजेपी का सफाया तय माना जा चुका था. लेकिन बीजेपी ने रातोरात एक नया खेल खेल लिया जिससे उसकी देश में ही नहीं विदेशो में भी मजाक बन गई जब रात में राष्ट्रपति शासन हटाकर एनसीपी के सहयोग से सीएम पद की देवेंद्र फडनवीस ने शपथ ले ली.
हंगामा कटा लोग आनन फानन में सुप्रीमकोर्ट चले गये कोर्ट ने तिन चार दिन बाद सुनने के बाद अगले तीसरे दिन बहुमत सिद्ध करने का आदेश दिए लेकिन बहुमत सिद्ध करने फ्लोर पर न जाकर पहले डिप्टी सीएम ने इस्तीफा दिया और कुछ देर में जाकर इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस , शिवसेना एनसीपी की सरकार बन गई.
उसके कुछ दिन बाद देश के सबसे बड़े धनी राज्य झारखंड में चुनाव हुआ जहां उनके सीएम की जिद के चलते बड़ी हार तो हुई है खुद सीएम रघुवर दास अपने ही कैबिनेट मंत्री सरयू राय निर्दलीय से चुनाव हार गये. अब बीजेपी को साल २०१९ ने जाते जाते दोहरा झटका दिया है जो बीजेपी को बड़ा भारी पड़ेगा. पिछली पांच सालों में इन्ही प्रदेशों के बूते पर बीजेपी ने सबसे ज्यादा चंदा हासिल कर एक रिकार्ड कायम किया है.
चूँकि अब देश के सबसे धनाढ्य प्रदेश और आर्थिक नगरी से बीजेपी का सफाया हो चुका है. यह अपने आप में एक मायने रखता है. चूँकि दोनों जगह कांग्रेस ने अपने समर्थन से सरकार बनाकर बीजेपी को एक बड़ा झटका दे दिया है. उसके बाद बीजेपी हिंदुत्व के नाम पर तीन बिल लाइ. जिनके बाद भी बीजेपी की यह हालत होगी सोचा भी नहीं था.