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Budget 2019 Live Updates: निर्मला सीतारमण पेश कर रही हैं देश का 'बही-खाता', सामने रखा दशक का लक्ष्य

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5 July 2019 5:53 AM GMT
Budget 2019 Live Updates: निर्मला सीतारमण पेश कर रही हैं देश का बही-खाता, सामने रखा दशक का लक्ष्य
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सीतारमण परंपरा तोड़ते हुए ब्रीफकेस की जगह एक फोल्डर में बजट लेकर निकलीं। अब तक वित्त मंत्री एक ब्रीफकेस में ही बजट लेकर संसद पहुंचते थे।

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। बजट भाषण की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य मजबूत देश के लिए मजबूत नागरिक है। पिछले पांच साल में हमने जो मेगा प्रोजेक्ट्स शुरू किए थे, उन्हें अब आगे बढ़ाने का वक्त है। चाणक्य नीति में कहा गया है कि दृढ़ संकल्प हो तो उद्देश्य पूरा होता है। उर्दू में एक शेर है- ''यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चराग़ जलता है।''

सीतारमण का बजट भाषण -

''हमारी अर्थव्यवस्था पांच वर्ष में 2.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंची है। हमारा मकसद है- मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्जिमम गवर्नेंस। 5 ट्रिलियन इकोनॉमी हासिल करने के लिए हमारे कुछ उद्देश्य है। इस वित्त वर्ष में हमने 3 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य रखा है। हम दुनिया की 6ठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हमने कई ढांचागत सुधार किए हैं और अभी कई और सुधार करने हैं।''

''हमने पांच साल में अर्थव्यवस्था में एक ट्रिलियन डॉलर जोड़े हैं। हमने 10 लक्ष्य निर्धारित किए हैं। पहला लक्ष्य भौतिक संरचना का विकास। दूसरा- डिजिटल इंडिया को अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र तक पहुंचाना। तीसरा- हरित मातृभूमि और प्रदूषण मुक्त भारत। चौथा- एमएसएमई, स्टार्टअप, डिफेंस, ऑटो और हेल्थ सेक्टर पर जोर। पांचवां- जल प्रबंधन और स्वच्छ नदियां। छठा- ब्लू इकोनॉमी। सातवां- गगनयान और चंद्रयान मिशन। आठवां- खाद्यान्न। नौवां- स्वस्थ समाज, आयुष्मान भारत और सुपोषित महिलाएं-बच्चे। 10वां- जनभागीदारी, न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन।''

''मार्च 2019 में देश में ट्रांसपोर्ट के लिए नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड लॉन्च किया गया। यह देश का पहला स्वदेशी पेमेंट सिस्टम है। इसके जरिए लोग कई तरह के ट्रांसपोर्ट चार्ज का पेमेंट कर सकते हैं।''

वित्त मंत्री ने अपने भाषण में बताया कि हमारा लक्ष्य रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म का है. हमारी सरकार का अगला बड़ा लक्ष्य जल रास्ते को बढ़ावा देना है. साथ ही वन नेशन, वन ग्रिड के लिए हम आगे बढ़ रहे हैं, जिसका ब्लूप्रिंट तैयार किया जा रहा है.

देश की आधुनिकता पर मोदी सरकार का जोर...

वित्त मंत्री ने कहा कि हम मेक इन इंडिया के जरिए स्वदेशी की तरफ बढ़ रहे हैं. इसके अलावा हमारी सरकार देश को आधुनिक भी बना रही है. जिसमें 657 किमी. मेट्रो को चालू किया गया है, जबकि 300 किमी. नए मेट्रो प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है. हमारा अगला मकसद देश के अंदर ही जल मार्ग शुरू करने की है. हमारा लक्ष्य इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को बढ़ाना देना है. आज लाइसेंस और कोटा राज के दिन लद गए हैं.

संसद में दिखा निर्मला का शायराना अंदाज...

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान एक शेर भी पढ़ा. निर्मला ने कहा, 'यक़ीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट भी ले कर चराग़ जलता है'. ये शेर मशहूर शायर मंजूर हाशमी का है.

अपने भाषण में निर्मला ने कई योजनाओं का जिक्र किया.निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत आज रोजगार देने वाला देश बना है. हमारा जोर अब इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर है. भारतमाला के जरिए हम देश में सड़क हर गांव तक पहुंचा रहे हैं और नेशनल हाइवे का निर्माण कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने अपनी कई योजनाओं का जिक्र किया, जिसमें मुद्रा योजना, सागरमाला, मेक इन इंडिया आदि शामिल रहे.

वित्त मंत्री ने अपने बजट में आने वाले दशक का लक्ष्य देश के सामने रखा. अगले कुछ वर्षों में हमारी अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी. इस दौरान उन्होंने गिनाया कि प्रदूषण मुक्त भारत, चिकित्सा उपकरणों पर जोर, जल प्रबंधन, अंतरिक्ष कार्यक्रम, चंद्रयान, गगनयान जैसे प्वाइंट्स को गिनाया. अपने भाषण में उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. हमारी सरकार ने कई नई योजनाओं को अमलीजामा पहनाया है. पिछले पांच साल में हमने देश की अर्थव्यवस्था का कायाकल्प करने का काम किया. हमारा लक्ष्य लोगों के घरों में शौचालय पहुंचाना, घरों में बिजली पहुंचाना था.


परंपरा तोड़कर फोल्डर में बजट लेकर निकलीं सीतारमण

सीतारमण ने बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। इससे पहले सीतारमण परंपरा तोड़ते हुए ब्रीफकेस की जगह एक फोल्डर में बजट लेकर निकलीं। अब तक वित्त मंत्री एक ब्रीफकेस में ही बजट लेकर संसद पहुंचते थे। मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियन ने फोल्डर में बजट ले जाने पर कहा कि यह भारतीय परंपरा है। यह पश्चिमी मानसिकता की गुलामी से बाहर आने का प्रतीक है। इसे आप बजट नहीं बल्कि बही खाता कह सकते हैं।

फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि यह सिर्फ ट्रेलर है। इसलिए, पूर्ण बजट से जनता को कई उम्मीदें हैं। अलग-अलग रिपोर्ट्स के मुताबिक इनकम टैक्स में राहत देने समेत आम आदमी से जुड़ी कई अहम घोषणाएं की जा सकती हैं। निर्मला सीतारमण का यह पहला बजट होगा। 49 साल बाद किसी महिला वित्त मंत्री ने बजट पेश किया। निर्मला से पहले 1970 में इंदिरा गांधी ने बजट पेश किया था।

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