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मोदी सरकार का भ्रष्‍टाचार पर वार, CBIC के 22 अफसरों को जबरन किया रिटायर

Special Coverage News
26 Aug 2019 6:12 AM GMT
मोदी सरकार का भ्रष्‍टाचार पर वार, CBIC के 22 अफसरों को जबरन किया रिटायर
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जिन 22 अधिकारियों को रिटायर किया गया है वो सभी सुपरिटेंडेंट और एओ रैंक के थे. ये फैसला फंडामेंटल रूल 56 (J) के तहत लिया गया है.
नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 में सरकारी विभागों की सफाई यानी भ्रष्‍टाचार और अन्य मामलों के आरोपी अफसरों को निकालने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के 20 से अधिक सीनियर अधिकारियों को जबरन रिटायर (Compulsory Retirement) कर दिया है.

न्‍यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक CBIC ने 22 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर किया है. जिन 22 अधिकारियों को रिटायर किया गया है वो सभी सुपरिटेंडेंट और एओ रैंक के थे. ये फैसला फंडामेंटल रूल 56 (J) के तहत लिया गया है.



यह पहली बार नहीं है जब केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड में वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है. इससे पहले बीते जून महीने में 15 अधिकारियों की छुट्टी की गई थी. ये अधिकारी CBIC के प्रधान आयुक्त, आयुक्त, और उपायुक्त रैंक के थे. इनमें से ज्यादातर के ख‍िलाफ भ्रष्टाचार, घूसखोरी के आरोप हैं. वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालते ही टैक्स विभाग के 12 वरिष्ठ अफसरों को जबरन रिटायर कर दिया था. यानी अब तक कुल 49 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है.

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