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कश्मीर से 370 हटाने पर SC का केंद्र को नोटिस, अक्टूबर में संविधान पीठ करेगी सभी याचिकाओं पर सुनवाई
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर से संविधान के आर्टिकल 370 (Article 370) हटाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. मोदी सरकार को 7 दिनों के अंदर इस नोटिस का जवाब देना है. शीर्ष अदालत आर्टिकल 370 को लेकर दायर सभी याचिकाओं पर अक्टूबर के पहले हफ्ते से सुनवाई करेगा. जम्मू-कश्मीर को स्पेशल स्टेटस देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 को हटाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग 10 याचिकाएं दायर की गई हैं. आज इन याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होनी थी, लेकिन अब चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच जजों की कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच इन याचिकाओं पर अक्टूबर से सुनवाई करेगी.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली बेंच केंद्र की उस दलील से सहमत नहीं दिखी कि अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और सॉलिसिटर जनरल के अदालत में मौजूद होने के कारण नोटिस जारी करने की जरूरत नहीं है. दोनों पक्ष के वकीलों के वाद-विवाद में उलझने पर बेंच ने कहा,'हमें पता है कि क्या करना है, हमने आदेश पारित कर दिया है और हम इसे बदलने नहीं वाले.'
सुप्रीम कोर्ट ने इसके पहले कश्मीर में लगे तमाम पाबंदियों को लेकर बड़ा आदेश दिया. सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि भारत के नागरिक के तौर पर हर इंसान को देश के किसी भी हिस्से में घूमने-फिरने की आज़ादी है. बता दें कि कुछ दिन पहले भी सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि कश्मीर में हालात ठीक करने के लिए कोर्ट सरकार को कुछ और वक्त देना चाहती है.
सीताराम येचुरी को श्रीनगर जाने की अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी को भी श्रीनगर जाने की इजाजत दे दी है. येचुरी ने अपने विधायक एमवाई तरिगामी से मिलने की अनुमति मांगी थी. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम आपको आपके दोस्त से मिलने की इजाजत देंगे, लेकिन इस दौरान आप कुछ और काम नहीं कर पाएंगे.
जामिया के छात्र को भी अनंतनाग जाने की परमिशन
इसके अलावा कोर्ट ने जामिया के एक छात्र को भी अपने परिवार से मिलने के लिए अनंतनाग जाने की इजाजत दे दी है, ताकि वह अपने परिवार से मिल सके और बाद में दोबारा कोर्ट को रिपोर्ट करें. सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि वह इसकी व्यवस्था करेंगे.
बता दें कि मोदी सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को स्पेशल स्टेटस देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 को हटा दिया था. कई संगठन, नेता और ग्रुप सरकार के इस फैसले के खिलाफ हैं. हालांकि, इन सभी के मुद्दे अलग-अलग हैं. कुछ याचिकाएं आर्टिकल 370 को हटाने के खिलाफ है. कुछ जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के खिलाफ, जबकि कुछ अभी तक घाटी में जारी पाबंदियों के खिलाफ दायर की गई हैं.
370 हटाने पर रूस खुलकर आया साथ, कहा- यह पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला
जम्मू-कश्मीर मसले पर भारत को रूस का साथ मिला है. रूसी राजनयिक निकोले कुदाशेव ने बुधवार को कहा कि अनुच्छेद 370 पर भारत सरकार का संप्रभु निर्णय है. यह भारत का आंतरिक मामला है. कश्मीर मसले को भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला और लाहौर समझौते के तहत हल किया जा सकता है. हमारे विचार बिल्कुल भारत जैसे ही हैं.