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सुषमा स्वराज का पाकिस्तान को कड़ा संदेश, डोकलाम और विजय माल्या पर दिया ये जवाब

Arun Mishra
28 May 2018 12:06 PM GMT
सुषमा स्वराज का पाकिस्तान को कड़ा संदेश, डोकलाम और विजय माल्या पर दिया ये जवाब
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सुषमा स्वराज ने सोमवार दोपहर को मीडिया को संबोधित करते हुए पाकिस्तान, ईरान, नॉर्थ कोरिया समेत कई मुद्दों पर बात की.

नई दिल्ली : सुषमा ने सोमवार दोपहर को मीडिया को संबोधित करते हुए पाकिस्तान, ईरान, नॉर्थ कोरिया समेत कई मुद्दों पर बात की. सुषमा ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के मुद्दे पर साफतौर पर कहा कि इस मामले में भारत का रुख साफ है आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं हो सकती हैं. सुषमा स्वराज ने आतंकवाद पर फिर पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि जब सीमा पर जनाजे उठ रहे हों, तब बातचीत नहीं हो सकती.

विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में चुनाव होने से पहले भी बात करने को तैयार हैं, लेकिन हिंसा और बातचीत साथ में नहीं हो सकते हैं. वहीं गिलगिट बाल्टिस्तान के मुद्दे पर सुषमा ने कहा कि हमने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है. पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसे खुद लोकतंत्र के मायने नहीं पता है इसलिए वह हमें ना सिखाए.



केंद्र की NDA सरकार के 4 साल पूरे होने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को अपने मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाते हुए ये बातें कहीं। डोकलाम के मसले पर सुषमा ने साफ किया कि वहां की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा, 'मैं फिर दोहरा रहा हूं कि डोकलाम इलाके में स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है और वहां यथास्थिति बरकरार है।'


MEA की उपलब्धियों पर किताब

MEA की उपलब्धियों पर एक किताब जारी करते हुए सुषमा ने बताया कि 'दुनिया के कई ऐसे देश थे जहां अभी तक हमारे नेता कभी नहीं गए। हमने तय किया कि हम मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए संयुक्त राष्ट्र के 192 में से सभी देशों को कवर करेंगे। हम अभी तक 186 देश कवर कर चुके हैं।'

सुषमा ने कहा कि हमने दुनिया के देशों, दुनिया में बसे भारतीयों से और भारत के लोगों से संपर्क बढ़ाने की नीति पर काम करना शुरू किया। उन्होंने कहा कि आज भारत का पासपोर्ट सुरक्षा कवच बन चुका है। विदेश में गए भारतीयों को आज भरोसा होता है कि दुनिया में वह कहीं भी फंसे तो उनकी सरकार उन्हें बचा लेगी।

सुषमा ने कहा कि दुनिया के कई देशों से भारतीय समुदाय के 90 हजार लोगों को बचाकर स्वदेश लाया गया। अपनी विदेश यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री कई भारतीयों को गंभीर दंड से भी बचा लिया। विदेश मंत्री ने बताया कि '2014 तक देश में 77 पासपोर्ट केंद्र थे। मध्य प्रदेश में केवल एक केंद्र भोपाल में था। हमने निर्णय किया पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में अलग-अलग केंद्र खोले जाएंगे। 4 साल में हमने 227 नए केंद्र खोले हैं।'


विदेश नीति को गांवों तक पहुंचाया

उन्होंने कहा कि 'हमने विदेश नीति को गांवों तक पहुंचाने का काम किया है। पहले विदेश नीति केवल अंग्रेजी में बंधकर रह गई थी। हमने स्थानीय भाषाओं में विदेश नीति की बात शुरू की। हमने निर्णय किया संविधान में सूचीबद्ध 22 भाषाओं को आगे बढ़ाया जाएगा।'

समृद्ध देशों से संबंध बेहतर किए

आर्थिक मोर्चें पर बोलते हुए स्वराज ने कहा कि हमने पूंजी और तकनीक के लिहाज से समृद्ध देशों से संबंध बेहतर किए। उन्होंने बताया कि 14 लाख करोड़ से ज्यादा की पूंजी फरवरी 2018 तक आ चुकी है। स्टार्टअप, डिजिटल इंडिया जैसी तमाम फ्लैगशिप योजनाओं के लिहाज से आर्थिक मोर्चे पर विदेश नीति की यह बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जैसे भारत के अजेंडे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाने की कोशिश की।

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