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परिणाम हमारे हक में क्यों नही आया, तो समर्थकों के कान में तीन मैजिक वर्ड फुसफुसा दो 'ई वी एम'!
गिरीश मालवीय
न! इस बार ईवीएम पर कुछ भी नही लिखूंगा चाहे कुछ भी परिणाम आए!..... कैसे भी तथ्य सामने आए!. ऐसा नही है कि मैं यह मानने लगा हूँ कि ईएवीएम पवित्र है और ईएवीएम में छेड़छाड़ नही हो सकती, बल्कि मैं आज भी यह मानता हूँ कि ईवीएम के जरिए बड़े पैमाने पर परिणाम बदले जा सकते हैं, सोशल मीडिया में सबसे अधिक प्रमाणिकता के साथ पिछले 3 सालों में ईवीएम की गड़बड़ी पर लगातार पोस्ट लिखी है. आज जिस 10 लाख मशीनों के गायब होने की बात बार बार उठाई जा रही इसके बारे में 8 महीने पहले ही लिख चुका हूँ. लेकिन हर बार यह बहाना क्यो बनाया जाए कि हम ईएवीएम की वजह से हार गए.
जबकि आपके पूरा मौका मिला. विपक्ष में बैठें सभी राजनीतिक दल एकमत होकर हमेशा यह कह सकते थे कि यदि ईवीएम से आप चुनाव लड़ते हैं तो हम चुनाव का ही बहिष्कार करते हैं.... लेकिन ऐसा फैसला कभी नही लिया गया. ऐसा नही है कि इस विषय पर सर्वदलीय बैठक नही हुई लेकिन उन बैठक में नतीजा क्या निकला? आप जानते हो!.
आप सर्वदलीय बैठक में स्वीकार करते हो कि ईवीएम में छेड़छाड़ होती हैं . लेकिन आप मांग क्या करते हैं कि बस vvpat की पर्चियां 50 प्रतिशत गिन ली जाए! नतीजा क्या होता है कोर्ट एक विधानसभा क्षेत्र में सिर्फ 5 मशीनों की पर्चियां गिनने की बात कर आपके हाथ मे बाबाजी का ठूल्लु पकड़ा देती है आप लटका हुआ मुँह लेकर वापस लौट आते हो.
अब एक तरह से ईवीएम की सच्चाई बताना लोगो को अब प्रलाप सुनाई देती है. तो इसमे किसका दोष है? इसमे दोष भाजपा का नही है बल्कि विपक्षी दलो का है यह तर्क वह अपने कार्यकर्ताओं को दिलासा देने के लिए प्रयोग में लाने लगे हैं ताकि वह अपनी गलतियों को ईवीएम के पीछे छुपा सके. ताकि कार्यकर्ता अपने हाईकमान से ये नही पूछने लगे कि हमने तो पूरी मेहनत की तो परिणाम हमारे हक में क्यो नही आया तो आप उसके कान में तीन मैजिक वर्ड फुसफुसा दो...... 'ई वी एम'..
अरे,.......जब आप मानते हो कि ईवीएम में गड़बड़ी होती है तो साफ साफ इलेक्शन कमिशन को बोल क्यो नही देते कि यदि आप ईवीएम से चुनाव कराने की जिद पर अड़े रहते हो तो हम चुनाव ही नही लड़ेंगे? आप हमारे बिना इलेक्शन करवा लो और भाजपा को विजेता घोषित कर दो. जब वैसे भी कुछ नही होना है तो यह चुनाव लड़ने का दिखावा क्यो करते हो.........क्यो भोले भाले लोगो को बेवकूफ बना रहे हो जबकि आपके पास बहिष्कार का हथियार अभी बाकी है
ईवीएम से चुनाव भी आप ही लड़ो ओर हार जाने पर ईवीएम का ही बहाना बनाओ अब यह खेल बहुत हो चुका अब हम बोर हो गए हैं, यह खेल इस बार आप न ही खेलो तो बेहतर हैं.
लेखक देश के जाने माने पत्रकार है