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पुण्यतिथि विशेष : जानिए- क्या था राजीव गांधी का पूरा नाम, सोनिया से कब, कैसे और कहां हुई थी मुलाकात!

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21 May 2019 4:23 AM GMT
पुण्यतिथि विशेष : जानिए- क्या था राजीव गांधी का पूरा नाम, सोनिया से कब, कैसे और कहां हुई थी मुलाकात!
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21 मई, 1991 को मद्रास से करीब 30 मील दूर श्रीपेरमबुदूर से राजीव गांधी चुनाव रैली को संबोधित करने जा रहे थे तभी एक आत्मघाती बम हमले में उनकी मृत्यु हो गई।

नई दिल्ली : आज से ठीक 28 साल पहले हमारे देश ने स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिनों में से एक देखा था. 21 मई, 1991 वही दुखद दिन था जब हमने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को खो दिया था. वह एक ऐसे नेता थे जिन्होंने 21वीं सदी में भारत की यात्रा को एक नई दिशा दी. राजीव गांधी की आज 28वीं पुण्यतिथि है. आज ही के दिन लिट्टे ने तमिलनाडु में चुनावी प्रचार के दौरान राजीव गांधी पर आत्मघाती हमला करवाया था. चेन्नई के पास एक कार्यक्रम में हुए आत्मघाती हमले में राजीव गांधी को बम से उड़ा दिया गया.

आज उनकी पुण्यतिथि के दिन कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दलों के लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. दिल्‍ली के राजघाट स्थित उनके समाधि-स्‍थल 'वीर भूमि' पर श्रद्धांजलि देने कांग्रेस के दिग्‍गज नेता पहुंच रहे हैं. पत्‍नी सोनिया गांधी, बेटे राहुल गांधी, बेटी प्रियंका गांधी ने परिवार समेत यहां आकर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धासुमन अर्पित किए.

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राजीव गांधी को श्रद्धांजलि दी है. पीएम मोदी ने श्रद्धांजलि देते हुए ट्विटर पर लिखा, ''पूर्व पीएम श्री राजीव गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि.''

कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए एक वीडियो ट्वीट किया और लिखा, ''आइए हम एक ऐसे भारत का निर्माण करें जिसे उसकी स्वतंत्रता, मजबूती, आत्मनिर्भरता पर गर्व हो. जो जाति और क्षेत्रियता को पार करते हुए एकजुट हो, गरीबी, सामाजिक और आर्थिक असमानता के बंधन से मुक्त हो, आज हम स्वर्गीय पीएम श्री राजीव गांधी के जीवन के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं.''

राजीव गांधी का पूरा जीवन परिचय

राजीव गांधी का पूरा नाम राजीव रत्‍‌न गांधी था। इनका जन्म 20 अगस्त, 1944 को मुंबई में हुआ था। राजीव गांधी जवाहर लाल नेहरू के प्रपौत्र और फिरोज गांधी व देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पुत्र थे। राजीव गांधी कांग्रेस पार्टी के अग्रणी महासचिव [1981 से] थे, और अपनी मां की हत्या हो जाने के बाद देश के प्रधानमंत्री [1984-1989] बने। राजीव गांधी का विवाह सोनिया गांधी के साथ हुआ था। राजीव गांधी की दो संतानें पुत्र राहुल गांधी और पुत्री प्रियंका गांधी हैं।

राजीव गांधी तथा उनके छोटे भाई संजय गांधी [1946-1980] की शिक्षा-दीक्षा देहरादून के प्रतिष्ठित दून स्कूल में हुई थी। इसके बाद राजीव गांधी ने लंदन के इंपीरियल कॉलेज में दाखिला लिया तथा केंब्रिज विश्वविद्यालय [1965] से इंजीनियरिंग का कोर्स पूरा किया। स्वदेश लौटने पर उन्होंने व्यावसायिक पायलट का लाइसेंस प्राप्त किया और 1968 से इंडियन एयरलाइंस में काम करने लगे। 21 मई, 1991 को मद्रास से करीब 30 मील दूर श्रीपेरमबुदूर से राजीव गांधी चुनाव रैली को संबोधित करने जा रहे थे तभी एक आत्मघाती बम हमले में उनकी मृत्यु हो गई।

जब सोनिया से हुई थी मुलाकात?

बात है 1965 की। जब एल्बिना माइनो उर्फ सोनिया गांधी इंग्लिश की पढ़ाई पूरी करने के लिए कैंब्रिज गईं थीं, लेकिन घर की नाजुक स्थिति की वजह से वह एक रेस्तरां में पार्ट टाईम काम करती थीं, वहीं उनकी मुलाकात राजीव गांधी से हुई। मुलाकात कब प्यार में बदल गई पता ही नहीं चला। और शुरू हो गया प्यार का सिलसिला। राजीव की आंखों ने सोनिया को उनका कायल बना दिया। पहली नजर में प्यार की कहानियों के बारे में हमने खूब सुना है, लेकिन इन दोनों के प्यार के किस्से ने ये साबित भी कर दिया। दोनों एक दूसरे के प्यार में घिर गए।

जब तक भाई संजय गांधी जीवित थे, राजीव गांधी राजनीति से बाहर ही रहे, लेकिन एक शक्तिशाली राजनीति व्यक्तित्व के धनी संजय गांधी की 23 जून, 1980 को एक वायुयान दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी राजीव को राजनीतिक जीवन में ले आई। जून 1981 में वह लोकसभा उपचुनाव में निर्वाचित हुए और इसी महीने युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बन गए।

राजीव गांधी सौम्य व्यक्तित्व वाले थे जो पार्टी के अन्य नेताओं से विचार-विमर्श करते थे और जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेते थे। 31 अक्टूबर 1984 को अपनी मां की हत्या के बाद राजीव को उसी दिन प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई और उन्हें कुछ दिन बाद कांग्रेस पार्टी का नेता चुन लिया गया।

क्यों हुई हत्या

राजीव गांधी ने अपने प्रधानमंत्री काल में श्रीलंका में शांति प्रयासों के लिए भारतीय सैन्य टुकड़ियों को भी वहां भेजा, लेकिन इसके नतीजे में वे खुद लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ऐलम [लिट्टे] के निशाने पर आ गए। 21 मई, 1991 को मद्रास से करीब 30 मील दूर श्रीपेरमबुदूर से राजीव गांधी चुनाव रैली को संबोधित करने जा रहे थे तभी एक आत्मघाती बम हमले में उनकी मृत्यु हो गई। 21 मई 1991 को रात तकरीबन 10 बजकर 10 मिनट पर राजीव गांधी रैली स्थल पर पहुंचे। वे कार की अगली सीट पर बैठे थे और उन्होंने उतरते ही सबका अभिवादन किया।

मंच की ओर बढ़ते हुए एक महिला आत्मघाती हमलावर धनु ने उन्हें माला पहनानी चाही, तो सब इंस्पेक्टर अनुसुइया ने उसे रोक दिया। हालांकि राजीव गांधी के कहने पर उसे माला पहनाने के लिए आने दिया गया। धनु ने उन्हें माला पहनाई और जैसे ही वो उनके पैर छूने के लिए नीचे झुकी, उसने अपने कमर से बंधे बम का बटन दबा दिया। एक जोरदार धमाका हुआ और फिर सबकुछ सुन्न हो गया। इस धमाके ने राजीव गांधी की जान ले ली। राजीव गांधी का हत्यारा प्रभाकरण ने अपनी मौत से पहले जो जख्म देश को दिया उसकी टीस आज तक है। राजीव गांधी जनता से जुड़ रहे थे। कई बार तो राजीव को जनता ऐसे हाथों हाथ लेती जिसकी आज कल्पना भी नहीं की जा सकती। 15 मार्च 2009 को श्रीलंकाई सेना ने मल्लैतिवु के वानी क्षेत्र में लिट्टे के अंतिम गढ़ पर जोरदार हमला कर प्रभाकरण को मार गिराया था।

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