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संसद में हुई गृह मंत्री अमित शाह और ओवैसी में नोंक झोंक!
नई दिल्ली: लोकसभा में सोमवार को एनआईए संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष की शंका का जवाब देते हुए कहा कि सरकार की इस कानून के दुरुपयोग की कोई मंशा नहीं है। उन्होंने कहा कि इस कानून का इस्तेमाल आतंकवाद को खत्म करने के लिए किया जाएगा, मगर इस दौरान यह भी कतई नहीं देखा जाएगा कि यह किस धर्म के व्यक्ति ने किया है। शाह ने विपक्षी सांसदों के सवालों पर कहा कि पोटा कानून को दुरुपयोग के कारण नहीं, बल्कि वोट बैंक के कारण खत्म किया गया था। इस बहस के दौरान शाह और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी के बीच नोकझोंक भी देखने को मिली।
लिखेंओवैसी ने कहा कि आप गृह मंत्री हैं तो डराइए मत, जिस पर शाह ने कहा कि वह डरा नहीं रहे हैं, लेकिन अगर डर जेहन में है तो क्या किया जा सकता है। 'राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (संशोधन) विधेयक 2019' पर चर्चा में भाग लेते हुए बीजेपी के सत्यपाल सिंह ने कहा कि हैदराबाद के एक पुलिस प्रमुख को एक नेता ने एक आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने से रोका था और कहा कि वह कार्रवाई आगे बढ़ाते हैं तो उनके लिए मुश्किल हो जाएगी।
इस पर एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी अपने स्थान पर खड़े हो गए और कहा कि बीजेपी सदस्य जिस निजी वार्तालाप का उल्लेख कर रहे हैं और जिनकी बात कर रहे हैं वो यहां मौजूद नहीं हैं। क्या बीजेपी सदस्य इसके सबूत सदन के पटल पर रख सकते हैं?
सदन में मौजूद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कहा कि जब डीएमके सदस्य ए राजा बोल रहे थे तो ओवैसी ने क्यों नहीं टोका? वह बीजेपी के सदस्य को क्यों टोक रहे हैं? अलग अलग मापदंड नहीं होना चाहिए।
इस पर ओवैसी ने कहा कि आप गृह मंत्री हैं तो मुझे डराइए मत, मैं डरने वाला नहीं हूं। शाह ने ओवैसी को जवाब देते हुए कहा कि किसी डराया नहीं जा रहा है, लेकिन अगर डर जेहन में है तो क्या किया जा सकता है।
पोटा को वोट बैंक की राजनीति के कारण हटाया गया
शाह ने विपक्षी सांसदों द्वारा पोटा कानून के कथित दुरुपयोग की याद दिलाए जाने पर कहा कि इस कानून को 2004 में यूपीए सरकार की कैबिनेट की पहली बैठक में राजनीतिक मकसद से हटाया गया था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एनआईए कानून के दुरुपयोग की कोई मंशा नहीं है। इसका इस्तेमाल आतंकवाद के खिलाफ किया जाएगा। मगर उसको खत्म करते वक्त हम यह नहीं देखेंगे कि यह किस धर्म के व्यक्ति ने किया है। शाह ने आगे कहा कि तमिल संगठन भी आतंकवाद करते थे, तब भी कठोर कार्रवाई होती थी। किसी ने किसी का धर्म नहीं देखा और न देखना चाहिए। शाह ने कहा कि अगर एनआईए बिल पर संसद बंट गई, तो आतंकवादियों का मनोबल बढ़ेगा।