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इस साल कैसे बदलेगा राज्यसभा का गणित, कितनी कमजोर होगी बीजेपी और कितनी ताकतवर होगी कांग्रेस
क्या इस साल संसद के ऊपरी सदन का गणित बदल जाएगा? अगर बदलेगा तो इसका पलड़ा किस ओर अधिक होगा? राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव का असर राज्यसभा पर दिखेगा? ये सवाल तब उठे हैं जब इस साल एक साथ बड़ी संख्या में राज्यसभा सांसद रिटायर होने वाले हैं। उनकी जगह नए सांसद चुने जाएंगे। मोदी सरकार के दूसरे टर्म में आने के साथ ही बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए की स्थिति राज्यसभा में भी मजबूत हो गई थी और क्षेत्रीय दलों की मदद से कई अहम बिलों को पास भी कराया गया।
इतनी भारी संख्या में नए सदस्यों के आने के बावजूद राज्यसभा में क्षेत्रीय दलों का दबदबा बना रहेगा। जिस तरह अभी अहम बिल के लिए वाईएसआर, टीआरएस या बीजेडी जैसे दलों के हाथ में फैसले की चाबी रहती है वह साल के अंत तक बनी रहेगी। हालांकि एक साल पहले जिस तरह बीजेपी एक के बाद एक लगातार राज्यों में जीत हासिल कर रही थी, उससे ऐसा लगने लगा था कि वह अकेले दम राज्यसभा में भी बहुमत हासिल कर लेगी। लेकिन पांच राज्यों में चुनाव हारने के बाद अब हालात ऐसे नहीं रहे।
साल 2020 में 73 सीटों पर होंगे चुनाव
250 सदस्यों वाली राज्यसभा में सिर्फ इसी साल 73 नए सदस्य चुने जाएंगे। इतने सदस्य अपना टर्म पूरा करने के बाद रिटायर हो रहे हैं। चार सीटें पहले से खाली हैं जबकि इस साल 69 सदस्य रिटायर हो रहे हैं। रिटायर होनेवालों में 18 बीजेपी के हैं जबकि 17 कांग्रेस के हैं। सदन में अभी बीजेपी के 83 और कांग्रेस के 46 मेंबर हैं।
उत्तर प्रदेश में दस लोकसभा सीटों पर होगा चुनाव
महाराष्ट्र में सात सीटों पर चुनाव होगा.
तमिलनाडू में छह सीटों पर चुनाव होगा.
पश्चिम बंगाल और बिहार में पांच पांच सीटों पर चुनाव होगा.
आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, गुजरात , ओड़िसा में चार चार सीटों पर चुनाव होगा.
राजस्थान , मध्यप्रदेश में तीन तीन सीटों पर चुनाव होगा
तेलंगाना,हरियाणा,झारखंड,छत्तीसगढ़ में दो दो सीटों पर चुनाव होगा.
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश से 1-1 सीट पर चुनाव होगा.
बीजेपी को यूपी में ज्यादा फायदा, लेकिन हार की टीस भी रहेगी
इस साल बीजेपी को सबसे बड़ा फायदा उत्तर प्रदेश से होगा, जहां सभी 10 सीटों पर पार्टी को जीत मिल सकती है। लेकिन पिछले दो सालों में विधानसभा चुनाव में कमजोर प्रदर्शन का नुकसान बीजेपी को हो सकता है। साल के अंत में बीजेपी को ज्यादा बढ़त न मिलने के संकेत हैं। एक-दो सीटें कम ही हो सकती हैं। राज्यों में सरकार बनाने के चलते कांग्रेस सदन में हाफ सेंचुरी मार सकती है। लेकिन मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सीटें कम हो सकती हैं। समीकरण देखें तो टीएमसी अपनी एक सीट और बढ़ा सकती है, जबकि जगन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस की संख्या भी बढ़ जाएगी।