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नोट के बाद अब सोने पर चोट? एक बार फिर चौंका देगी मोदी सरकार!
मोदी सरकार ने कालेधन के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है. नोटबंदी के बाद अब गलत तरीके से जमा किए सोने पर चोट की तैयारी है. शक है कि नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर लोगों ने गलत तरीके से सोने में निवेश किया था. अब सरकार कालेधन से खरीदे गए सोने को बाहर निकलवाने की तैयारी में है.
बिजनेस चैनल सीएनबीसी-आवाज की रिपोर्ट के मुताबिक कालाधन से सोना खरीदने वालों पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार खास स्कीम ला सकती है. सूत्रों के मुताबिक सरकार इनकम टैक्स की एमनेस्टी स्कीम के तर्ज पर सोने के लिए एमनेस्टी स्कीम लागू कर सकती है.
इस नियम के तहत एक तय मात्रा से अधिक बिना कागजात के गोल्ड रखने पर जानकारी देनी होगी. जानकारी के तौर पर खुलासा करना होगा कि गोल्ड की कीमत कितनी है. एमनेस्टी स्कीम के तहत गोल्ड की कीमत तय करने के लिए वैल्यूएशन सेंटर से सर्टिफिकेट लेना होगा.
अगर किसी के पास तय मात्रा से ज्यादा का गोल्ड है तो उन्हें इसका खुलासा करना होगा, जिसके बाद उस पर टैक्स देना होगा. सूत्रों के मुताबिक यह स्कीम कुछ समय के लिए लॉन्च की जाएगी.
अब तक मिल रही जानकारी के मुताबिक सीमित समय के बाद गोल्ड घोषणा विंडो को बंद कर दिया जाएगा. उसके बाद अगर किसी के पास तय मात्रा से ज्यादा गोल्ड मिला तो फिर कार्रवाई के तौर पर भारी जुर्माना देना होगा.
यही नहीं, सरकार मंदिर और ट्रस्ट के पास पड़े गोल्ड को भी प्रोडक्टिव इन्वेस्टमेंट के तौर पर इस्तेमाल के लिए रोडमैप ला सकती है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि वित्त मंत्रालय के इकोनॉमिक अफेयर्स विभाग और राजस्व विभाग ने मिलकर इस स्कीम का मसौदा तैयार किया है.
तैयार प्रपोजल को वित्त मंत्रालय ने कैबिनेट के पास भेज दिया है. खबर यह भी है कि इस पर जल्द ही कैबिनेट की मुहर लग सकती है. खबर है कि अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में ही कैबिनेट में इस पर चर्चा होनी थी. लेकिन महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने की वजह से अंतिम समय में इस मसले को कुछ समय के लिए टाल दिया गया था.
सूत्रों के मुताबिक, एमनेस्टी स्कीम के साथ-साथ गोल्ड को एसेट क्लास के तौर पर बढ़ावा देने के भी ऐलान हो सकते हैं. इसके लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को आकर्षक बनाने के लिए बदलाव किए जा सकते हैं