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दुश्मन के परखच्चे उड़ाएगा अत्याधुनिक 'अपाचे', वायुसेना में शामिल हुए 8 लड़ाकू हेलिकॉप्टर
अमेरिका से मिले आधुनिक तकनीक और मारक क्षमता वाले 8 अपाचे हेलिकॉप्टर मंगलवार को भारतीय वायुसेना के जंगी बेड़े में शामिल हो गए हैं। हेलिकॉप्टर्स को पठानकोट एयरबेस पर तैनात किया गया। एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ भी पठानकोट में इंडक्शन सेरेमनी में मौजूद रहे।
अमेरिका से 22 अपाचे हेलिकॉप्टर की डील हुई है, जिसमें 11 पाक सीमा के साथ पठानकोट और 11 चीन सीमा के साथ असम के जोरहाट में तैनात होंगे। इनमें से 8 अपाचे की पहली फ्लीट पठानकोट पहुंच चुकी है। इससे पाकिस्तान और चीन की हरकतों पर नजर रखने में आसानी होगी। एयरफोर्स में अपाचे की तैनाती ऐसे समय की जा रही है जब धनोआ ने बयान दिया है कि हम 40 साल पुराने फाइटर उड़ा रहे हैं। खुद वायुसेना प्रमुख रविवार से ही यहां पहुंचे हैं।
पठानकोट एयरबेस पर अभी रूस निर्मित एमआई-25 और एमआई-35 हेलिकाप्टरों की एक यूनिट तैनात है। सेना के प्रवक्ता कर्नल देवेंद्र आनंद का कहना है कि इससे एयरफोर्स की ऑपरेशनल कैपेबिलिटी बढ़ जाएगी और पाकिस्तान बॉर्डर के साथ जम्मू-कश्मीर तक की एलओसी और आईबी को कवर किया जा सकेगा। दरअसल, पठानकोट और पंजाब का यह एरिया पाकिस्तानी आतंकियों के निशाने पर रहा है। आतंकियों ने 2016 में एयरबेस पर हमला कर फाइटर विमान सुरक्षित रखे जाने वाले टेक्निकल एरिया की ओर बढ़ने की कोशिश की थी।
एएच 64ई अपाचे दुनिया के सबसे एडवांस मल्टी काम्बैट हेलिकाप्टर हैं। इनमें सेंसर लगे हैं, जिनकी मदद से हेलिकॉप्टर रात के अंधेरे में दुश्मन को तलाश कर खत्म कर सकता है। हाईक्वालिटी नाईट विजन सिस्टम है। जिससे दुश्मन को अंधेरे में भी ढूंढा जा सकेगा। यह मिसाइल से लैस हैं और एक मिनट में 128 लक्ष्यों पर निशाना साधा जा सकता है। भारी मात्रा में हथियार ले जाने की क्षमता है। 293 किमी प्रति घंटा उड़ सकता है तथा एजीएम-114 हेलिफायर मिसाइल से लैस है।
पंजाब और जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर पाक हमले की स्थिति में तुरंत बड़ा एक्शन लिया जा सकेगा। पाक के सबसे करीब पठानकोट एयरबेस सुरक्षित होगा, जहां घुसे आतंकियों को ढूंढने में 2 दिन लग गए थे, अपाचे में आतंकियों की तस्वीरें लेने और कमांडो को भेजने के उपकरण होंगे। खासकर पाक की ओर से आतंकी हमलों को रोकने में मददगार साबित होगा।