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इस एक बयान से सीबीआई पहुंची पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी तक, जानें किसका था बयान
नई दिल्ली : आईएनएक्स मैक्सिस घोटाले में आईएनएक्स मीडिया की मालिक इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय को दिए अपने बयान में दावा किया था कि जब वे 2006 में नॉर्थ ब्लॉक कार्यालय में तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से मिले थे. तब उन्होंने उन्हें अपने बेटे कार्ति से मिलने के लिए कहा और सुझाव दिया कि वे उसके व्यवसाय में उसकी मदद करें. सीबीआई और ईडी की जांच में पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी में इंद्राणी मुखर्जी का बयान ही अहम सबूत साबित हुआ.
कार्ति चिदंबरम ने मांगी थी रिश्वत
इंद्राणी का बयान अब अदालती दस्तावेजों का हिस्सा है, जो उन्होंने 17 फरवरी, 2018 को दर्ज कराया था. इसके अनुसार कार्ति ने दिल्ली के हयात होटल में उनसे 1 मिलियन डॉलर की रिश्वत मांगी थी. इसके बाद उन्होंने एक योजना बनाई जिसके अनुसार मुखर्जी कार्ति की कंपनी एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (एएससीपीएल) में शामिल हुए. कथित मुआवजे के रूप में उस समय एएससीपीएल और उससे जुड़ी कंपनियों ने आईएनएक्स मीडिया पर 3.10 करोड़ के लिए चार चालान बनाए और उनकी प्रतिपूर्ति की गई. जल्द ही एफआईपीबी ने अनियमितताओं को ठीक करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी.
एफआईपीबी के नियमों को तोड़ा-मरोड़ा गया
सीबीआई के एक अधिकारी के अनुसार, मार्च 2007 में आईएनएक्स मीडिया ने उस शर्त का उल्लंघन किया, जिस पर उसे एफआईपीबी (विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड) द्वारा शेयर जारी करने के माध्यम से 46 फीसदी इक्विटी जुटाने की अनुमति दी गई थी. अंकित मूल्य पर शेयर जारी करके 4.62 करोड़ रुपये जुटाने की अनुमति के खिलाफ, कंपनी ने प्रीमियम पर शेयर जारी करके 305 करोड़ रुपये प्राप्त किए. इसके अलावा, इसने आईएनएक्स न्यूज़ प्राइवेट लिमिटेड में 26 प्रतिशत डाउनस्ट्रीम निवेश करने के लिए एफआईपीबी को भी दरकिनार कर दिया.
कार्ति इसीलिए हुए थे गिरफ्तार
गौरतलब है कि कार्ति को इससे पहले फरवरी 2018 में मामले में गिरफ्तार किया गया था. पिछले साल की पूछताछ के दौरान पी. चिदंबरम से वित्त मंत्रालय और इंद्राणी के बयान के दस्तावेजों के आधार पर पूछताछ की गई थी, लेकिन वह सहयोग नहीं कर रहे थे.