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कैलाश सत्यार्थी ने लगातार बढ़ रही बाल यौन हिंसा की घटनाओं को राष्ट्रीय आपातकाल बताया
फाउंडेशन द्वारा तैयार यह रिपोर्ट वास्तुविकता पर गंभीरता से रोशनी डालती है। अरुणाचल प्रदेश का ही एक उदाहरण यदि हम सामने रखें तो, वहांके एक बच्चे को,जिसके यौन शोषण का मामला रजिर्स्ट ड है,उसे न्याय के लिए 99 साल इंतजार करना होगा। वह भी, तब जबआज से कोई नया मामला दर्ज नहीं किया जाताहै।इसका मतलब यह हुआ कि उसको जिंदगी भर न्याय नहीं मिल पाएगा। गुजरात की स्थिति भी कोई बेहतर नहीं है। और गुजरात में बलात्कार के शिकार बच्चेस को न्याय के लिए 53 साल तक लंबाइंतजार करना पड़ेगा।
इस रिपोर्ट के अलावा दो अन्य रिपोर्ट भी इस कार्यक्रम में जारी की गई। एक रिपोर्ट भारत के युवाओं के बीच एक ओर जहां जागरुकता को बढाने और बाल यौन दुर्व्यटवहार को कम करने से संबंधित है, वहीं दूसरी रिपोर्ट बाल यौन दुर्व्यववहार के परिणामस्वेरूप बच्चोंत पर पड़ने वाले मनोवैज्ञानिक प्रभाव को समझने और उससे निपटने और उसका स्थाड़ई समाधान खोजने से संबंधित है।