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CAA पर सरकार और राज्यपाल में बढ़ी तकरार, आरिफ मोहम्मद खान ने मांगी सरकार से सफाई
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ केरल सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने पर सफाई मांगी है. सूत्रों के मुताबिक, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल के मुख्य सचिव से सफाई मांगी है कि इस बारे में राज्यपाल ऑफिस को सूचना क्यों नहीं दी गई थी.
केरल ने सुप्रीम कोर्ट में CAA को दी है चुनौती
बता दें कि केरल सरकार CAA के खिलाफ 14 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट गई थी. केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर नागरिकता संशोधन कानून को रद्द करने की मांग की थी. केरल सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि CAA अनुच्छेद 14, 21 और 25 का उल्लंघन करता है.
राज्यपाल कार्यालय को सूचना नहीं
इस मामले में विवाद तब शुरू हुआ, जब राज्य सरकार की ओर से CAA को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की जानकारी राज्यपाल को नहीं दी गई थी. इस मुद्दे को लेकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने आपत्ति जताई थी. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा था कि राज्य सरकार बिना उनसे चर्चा किए ऐसे सुप्रीम कोर्ट नहीं जा सकती है, क्योंकि CAA राज्य सरकार का मसला नहीं है. राज्यपाल ने कहा कि CAA, NRC के विरोध से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन ये सिर्फ राज्य सरकार का मामला नहीं है.
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा था, "एक कानूनी कहावत है, न तो मैं और न ही कोई कानून से ऊपर है. स्पष्ट रूप से मैं न्यायपालिका के पास जाने वाले किसी के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन राज्य का संवैधानिक प्रमुख होने के नाते, उन्हें (राज्य सरकार) मुझे इसके बारे में सूचित करना चाहिए था. लेकिन इसके बारे में मुझे अखबारों के माध्यम से पता चला. यहां के कुछ लोगों को लगता है कि वे कानून से ऊपर हैं." इसके बाद राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल के मुख्य सचिव से इस बारे में सफाई मांगी है.
केरल में राज्यपाल V/s सीपीएम
केरल में राज्य सरकार और सत्तारूढ़ सीपीएम के बीच लगातार जंग चल रही है. शनिवार को सीपीएम के मुखपत्र में पार्टी ने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की आलोचना की थी. मुखपत्र में कहा गया कि संवैधानिक पद पर बैठे राज्यपाल को संविधान के अनुसार ही काम करना चाहिए, न कि व्यक्तिगत आधार पर.
सीपीएम ने कहा कि संविधान राज्य सरकार पर यह दबाव नहीं डालता है कि वो हर दिन की गतिविधि की जानकारी राज्यपाल को दे. अनुच्छेद 167 में यह लिखा है कि मुख्यमंत्री कब राज्यपाल को सूचित करे. इसके अनुसार मुख्यमंत्री केवल कैबिनेट के फैसलों की सूचना राज्यपाल को देने के लिए बाध्य हैं.