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मलेशिया को कश्मीर पर बयान पड़ा उल्टा? भारत के एक्शन के डर से मलेशिया ने दिया ये ऑफर
कश्मीर मुद्दे पर भारत विरोधी बयान के बाद अब मलेशिया ने भारत से आयात बढ़ाने का प्रस्ताव सामने रखा है. दरअसल, रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत सरकार मलेशिया से खाद्य तेल समेत अन्य उत्पादों के आयात में कटौती करने पर विचार कर रही है.
मलेशिया ने कहा है कि वह भारत से चीनी और भैंस का मांस आयात बढ़ा सकता है. मलेशिया के वाणिज्य मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा, मलेशिया के तीसरे सबसे बड़े आयातक देश होने के तौर पर भारत की अहमियत को समझते हुए उसने ये फैसला लिया है.
भारत की तरफ से आयात पर लगाम लगाने की खबरों के बीच भारतीय कारोबारियों ने मलेशिया से तेल का आयात करना बंद कर दिया है जिससे उसे काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. भारतीय कारोबारी फिलहाल इंडोनेशिया से खाद्य तेल आयात कर रहे हैं.
भारत ने 2018 में मलेशिया से 1.63 अरब डॉलर के पाम ऑयल व इससे जुड़े उत्पादों का आयात किया था. मलेशिया ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच मौजूदा व्यापार असंतुलन पर बातचीत करने को तैयार है.
27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कश्मीर मुद्दे पर भारत को नाराज करने वाला बयान दिया था. महातिर ने कहा था, "जम्मू-कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के रेजॉल्यूशन के बावजूद, उस पर हमला कर कब्जा किया जा रहा है. इस कार्रवाई के पीछे कुछ वजहें हो सकती हैं लेकिन फिर भी ये गलत है. इस समस्या का समाधान शांतिपूर्वक तरीकों से ही होना चाहिए. महातिर ने आगे कहा था, भारत को पाकिस्तान के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान करना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र को नजरअंदाज करने से इस संस्था और इसके नियमों की प्रतिष्ठा धूमिल होगी."
भारत के विदेश मंत्रालय ने कश्मीर पर बयान को लेकर मलेशिया को फटकार लगाई थी और कहा था कि वह दोनों देशों के बीच मित्रतापूर्ण रिश्तों को ध्यान में रखे और ऐसे बयान देने से बचे.
मलेशिया ने भारत को पिछले वित्तीय वर्ष में 10.8 अरब डॉलर का निर्यात किया था जबकि भारत से 6.4 अरब डॉलर का ही आयात किया था. मलेशिया की सरकारी न्यूज एजेंसी बरनामा के मुताबिक, महातिर ने कहा है कि उनकी सरकार भारत द्वारा उठाए गए कदमों के प्रभाव का अध्ययन करेगी.
एजेंसी ने महातिर के हवाले से लिखा, वे (भारत) भी मलेशिया को सामान निर्यात कर रहे हैं. ये केवल एकतरफा व्यापार नहीं है बल्कि द्विपक्षीय है. महातिर ने आगे कहा कि उनके (कश्मीर मुद्दे पर) बयान को दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर की वजह नहीं बनाया जाना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो दोनों देशों की ही हार होगी.
मलेशिया के एक पूर्व राजनयिक हैस्मी एगम ने कहा, ये दयनीय स्थिति है कि भारत-मलेशिया के रिश्ते ऐसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि दोनों देशों के विदेश मंत्री कोशिश करें कि दोनों देशों के बीच मतभेद पैदा ना हों.