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CAA : सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता कानून पर रोक लगाने से इनकार किया, केंद्र से 4 हफ्ते में जवाब मांगा
नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर दायर 144 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने कहा कि इस मामले में केंद्र का पक्ष भी सुना जाएगा, तब तक कानून पर रोक नहीं लगाएंगे।
सरकार की ओर से अटॉनी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि सीएए को लेकर 144 याचिकाएं पहले ही दायर हो चुकी हैं। अब नई याचिकाएं स्वीकार न की जाएं। अगर नई याचिकाएं आती रहीं तो हमें हर जवाब देने के लिए और ज्यादा समय चाहिए होगा। अटॉर्नी जनरल ने इसके लिए 6 हफ्ते का वक्त मांगा है। इस पर कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
कैसे हुई सुनबाई?
सुनवाई शुरू होने से पहले ही अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा- कोर्ट का माहौल शांत रहना जरूरी। उन्होंने चीफ जस्टिस से कहा- इस कोर्ट में कौन आ सकता है और कौन नहीं, इस पर नियम होने चाहिए। अमेरिकी और पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट में भी कोर्ट रूम के अंदर आने वालों के लिए कुछ नियम हैं।
सिब्बल ने कहा- अप्रैल में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसलिए कोर्ट को उससे पहले कुछ करना चाहिए। एनपीआर को 3 महीने के लिए टाला जाए, तब तक जज नागरिकता कानून पर चल रहे विवाद पर फैसला ले सकते हैं।
सिब्बल ने कहा- कोर्ट को फैसला करना चाहिए कि इन याचिकाओं को संविधान बेंच के पास भेजा जाए या नहीं।
एजी ने कहा- केंद्र को असम से जुड़ी याचिकाएं नहीं दी गईं। जो याचिकाएं हमें नहीं दी गईं, उनमें प्रतिक्रिया के लिए समय दिया जाए।
चीफ जस्टिस बोले- सिर्फ एक पक्ष को सुनकर फैसला नहीं लिया जाएगा। हमें केंद्र को सुनना होगा।