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'मन की बात' में PM मोदी ने की तारीफ, जानें- कौन है 12 साल की हनाया निसार और 20 साल की वेदांगी

Arun Mishra
30 Dec 2018 7:49 AM GMT
मन की बात में PM मोदी ने की तारीफ, जानें- कौन है 12 साल की हनाया निसार और 20 साल की वेदांगी
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'मन की बात' में पीएम मोदी ने ने कराटा चैम्पियन 12 साल की हनाया निसार, 16 साल की मुक्केबाजी चैम्पियन रजनी, साइकिल से दुनिया का चक्कर लगाने वाली 20 साल की वेदांगी की तारीफ की.

नई दिल्ली : 'मन की बात' में आज पीएम मोदी ने ने कराटा चैम्पियन 12 साल की हनाया निसार, 16 साल की मुक्केबाजी चैम्पियन रजनी, साइकिल से दुनिया का चक्कर लगाने वाली 20 साल की वेदांगी का जिक्र करते हुए कहा कि अगर संकल्प में सामर्थ्य है, हौसले बुलंद हैं तो रुकावटें खुद ही रुक जाती हैं। कठिनाइयां कभी रुकावट नहीं बन सकती हैं। अनेक ऐसे उदाहरण जब हम सुनते हैं तो हमें भी अपने जीवन में प्रतिपल एक नई प्रेरणा मिलती है।




हनाया निसार

कश्‍मीर की एक 12 साल कि लड़की की खूब तारीफ की. प्रधानमंत्री ने हनाया निसार को साउथ कोरिया में खेले गए कराटे चैंपियनशिप में गोल्‍ड मेडल जीतने के लिए न केवल बधाई दी बल्‍कि उनके माता-पिता को भी इस सफलता का श्रेय दिया. अब आप सोच रहे होंगे कि हनाया निसार आखिर कौन है और कहां रहती है.

आपको बता दें कि हनाया निसार साउथ कश्‍मीर के अनंतनाग सेक्‍टर के कोकरनाग की रहने वाली एक 12 साल की लड़की है. हनाया के घर की माली हालत काफी खराब है. हनाया हमेशा से ही देश के लिए कुछ करना चाहती थी. इसीलिए हनाया ने कराटे सीखने का मन बनाया. हनाया गोवा में फेडरेशन नेशनल में गोल्‍ड मेडल जीत चुकी हैं. इससे पहले वह स्‍कूल नेशनल में भी गोल्‍ड मेडल हासिल किया है. अभी हनाया ने साउथ कोरिया में खेले गए इंटरनेशनल कराटे चैंपियनशिप में देश को गोल्‍ड मेडल दिलाया है.




वेदांगी कुलकर्णी

20 साल की वेदांगी कुलकर्णी साइकिल से दुनिया का चक्कर लगाने वाली सबसे तेज एशियाई बन गई हैं. आज 'मन की बात' के 51वें और साल के आखिरी एपीसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके बारे में जिक्र करते हुए बधाई दी. वेंदागी पूणे की रहने वाली हैं. उन्होंने 159 दिनों में 29,000 किलोमीटर साइकिल चलाकर इतिहास रचा है. इस दौरान उन्होंने 14 देशों की यात्रा की. वह हर दिन 300 किमी साइकिल चलाती थीं.

सबसे पहले आपको बता दें, इस मुकाम को हासिल करने के लिए उन्होंने इसकी शुरुआत साल 2018 के जुलाई महीने में की थी. जहां उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पर्थ से शुरुआत की. वेंदागी ने बताया कि मेरा सोलो ट्रिप करने का मकसद दुनिया को अकेले देखना और लोगों से कम्यूनिकेट करना था.


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