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राफेल पर मची एनडीए में रार, भाजपा दंग, बीजेपी के इस बड़े सांसद ने भी दिया कांग्रेस का संग

Special Coverage News
15 Dec 2018 1:36 PM GMT
राफेल पर मची एनडीए में रार,  भाजपा दंग, बीजेपी के इस बड़े सांसद ने भी दिया कांग्रेस का संग
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सुप्रीम कोर्ट से राफेल मामले में भारतीय जनता पार्टी को क्लीन चिट मिलने के बाद कांग्रेस और हमलावर हो गई है. कांग्रेस का नया आरोप है. क्रिकेट की रिपोर्ट पीएसी के सामने नहीं रखी गई है.इस मामले में अब बिहार के महाराजगंज से बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने एक नया खुलासा किया है. उन्होंने राफेल पर सीएजी रिपोर्ट पीएसी के सामने ना रखने के विपक्ष के आरोपों को झूठा बताया है.


पीएसी के सदस्य हैं उन्होंने कहा मैंने केक की रिपोर्ट देखी थी और उसमें राफेल की कीमत को लेकर बातें भी साथ थी. हालांकि उन बातों को सार्वजनिक करना ठीक नहीं है. उन्होंने इस बारे में कांग्रेस के सभी आरोपों को एक सिरे से खारिज करते हुए उन पर झूठ फैलाने का आरोप भी लगाया है. हालांकि पीएमसी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे कह चुके हैं कि जब कैग ने रिपोर्ट सौंपी ही नहीं तो उसे पीएसी ने कैसे देख लिया. जबकि सुप्रीम कोर्ट से आए फैसले में सांप इंगित किया गया है कि सीएजी ने पीएसी के सामने राफेल डील रिपोर्ट को पेश किया है और इस पर किसी भी तरह की चिंता नहीं जताई है.

अकाली दल सांसद बोले नहीं देखी रिपोर्ट

वैसे इस मामले में अभी भी पेच फंसा हुआ है. क्योंकि एनडीए के सहयोगी दल अकाली दल के सांसद और पीएसी सदस्य प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने बताया और साफ-साफ कहा है कि राफेल से संबंधित कोई भी रिपोर्ट पीएसी के पास नहीं आई है. अब एक ही गठबंधन के दो संसद सदस्य अलग-अलग बयान बाजी करते नजर आ रहे हैं. एक कह रहा है पीएसी की रिपोर्ट सामने आई है जबकि दूसरा पीएसी मेंबर कह रहा है कि ऐसी रिपोर्ट कोई सामने नहीं आई है.


स्वामी आये राहुल के समर्थन

सुब्रमण्यम स्वामी का यह बयान मोदी सरकार के लिए एक और परेशानी भी खड़ी कर सकता है. उन्होंने यह भी कहा है अगर मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस को लगता है कि मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया या गलत जानकारी दी है. तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करना चाहिए और रिव्यू पिटिशन भी दायर करनी चाहिए स्वामी ने कहा कि अगर पीएसी चेयरमैन मल्लिकार्जुन खड़गे को सीएजी की रिपोर्ट नहीं मिली है. तो हमें उनकी बात को गंभीरता से लेना चाहिए आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में राफेल मामला को लेकर कांग्रेसी ही नहीं बल्कि प्रशांत भूषण यशवंत सेना और अरुण शौरी भी गए थे. ऐसे में अब यह देखना बहुत जरूरी होगा कि वाकई में कांग्रेसी इस मामले में फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएगी या नहीं.


मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा नहीं मिली रिपोर्ट

मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि इस मामले पर बीजेपी को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए. क्योंकि फैसले में सीएजी की रिपोर्ट के बारे में जो बातें कही गई है. वह पूरी तरह से आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैं पीएसी के सभी सदस्यों को लिखूंगा कि अटार्नी जनरल को बुलाया जाए और हम कैसे भी पूछना चाहते हैं कि उन्होंने यह रिपोर्ट संसद के पटल या पीएसी के सामने कब रखी है. हालांकि इस मामले में सरकार की तरफ से यह कहा गया है कि उसने सही जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दिए और फैसला सुनाते समय हो सकता है कोर्ट में टाइपिंग कर दिया गया है जिसमें यह बात सामने आई है.


राहुल ने बोला बीजेपी पर हमला

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राफेल मामले में मोदी सरकार को बड़ी राहत देते हुए किसी तरह की जांच का आदेश देने से मना कर दिया. चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने मामले से जुड़े तीन पहलुओं पर सुनवाई करने के बाद सभी याचिकाएं खारिज कर दी है. कोर्ट के फैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर सियासी फायदे के लिए झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए माफी मांगने की भी मांग की है. जवाब में राहुल ने यह साफ कर दिया कि वह पहले भी अपने रुख पर कायम थे और आज भी अपने रुख पर कायम हैं राहुल गांधी ने कहा कि जजमेंट में यह जिक्र किया गया है. राफेल की कीमत का विस्तृत ब्यौरा जो सीएजी की रिपोर्ट में लिखा गया है. वो रिपोर्ट पीएसी से साझा की गई है लेकिन उनके मुताबिक इसकी जानकारी पीएससी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे को ही नहीं है तो फिर जजमेंट में यह बात कहां से आई. काग्रेस के मुताबिक राफेल पर सीएजी की रिपोर्ट यानी पब्लिक अकाउंट्स कमिटी से तो कभी शेयर ही नहीं की गई. इस कमेटी के सदस्य प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने भी इस पर हामी भरी है. खास बात तो यह है कि प्रेम सिंह चंदूमाजरा उसी अकाली दल के सांसद हैं जो एनडीए का भी हिस्सा है. विपक्ष अब यह सवाल उठा रहा है कि सरकार ने कोर्ट में सील बंद लिफाफे में गलत जानकारी दी है. जिसके आधार पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है अब सरकार को देश से माफी मांगनी चाहिए और सुप्रीम कोर्ट में उसने जो जानकारी दी है. उसे भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए ताकि आम जनता को भी पता लग सके कि आखिर यह इतना बड़ा झूठ क्यों बोला गया.

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