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पाकिस्‍तान के इस पूर्व सांसद को भारत में बेचनी पड़ रही कुल्‍फी-मूंगफली, CAB से जगी नागरिकता की आस

Special Coverage News
12 Dec 2019 9:24 AM GMT
पाकिस्‍तान के इस पूर्व सांसद को भारत में बेचनी पड़ रही कुल्‍फी-मूंगफली, CAB से जगी नागरिकता की आस
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पाकिस्तान के पूर्व सांसद डिवायाराम का कहना है कि जब वह सांसद बने तो उनके परिवार की मुसीबत कम होने की वजाय ज्यादा बढ़ गईं.

पाकिस्तान में बेनजीर भुट्टो के शासनकाल में सांसद रहे डिवायाराम ने राज्यसभा में नागरिकता बिल (Citizenship Amendment Bill) पास होने पर खुशी जाहिर कर जश्न मनाया है. डिवायाराम पाकिस्‍तान (Pakistan) में प्रताड़ित होने के बाद वहां से भारत आ गए और हरियाणा में फतेहाबाद के पास रतनगढ़ गांव में रहने लगे.

वह सर्दियों में मूंगफली और गर्मियों में कुल्फी बेचकर अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं. डिवायाराम अपने परिवार के साथ जनवरी 2000 में एक महीने के वीजा पर भारत आए थे.

पाकिस्तान नहीं जाना चाहते

वीजा खत्म होने के बाद उन्होंने तत्कालीन रोहतक डिप्टी कमिश्नर से गुहार लगाई कि वह अपने परिवार के साथ किसी भी हाल में पाकिस्तान नहीं जाना चाहते. उस दौरान कुछ हिंदू संगठनों ने उनकी मदद की. उपायुक्त ने भी उन्हें वहां रहने की छूट दे दी.

इसके बाद वह साल 2006 में रोहतक से फतेहाबाद के रतिया कस्बे के निकट गांव रतनगढ़ में आकर रहने लगे. पिछले 13 सालों से वहीं रह रहे हैं.

ऐसे बने सांसद

डिवायाराम ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में बताया कि पाकिस्तान (Pakistan) में गैर मुस्लिमों के लिए कुछ सीट आरक्षित होती हैं. जब बेनजीर भुट्टो ने अपने पिता की मौत के बाद राजनीति में कदम रखा तो उन्होंने अपने क्षेत्र में स्वागत भाषण दिया था. डिवायाराम ने बताया कि इससे खुश होकर भुट्टो ने रिजर्व सीट से सांसद बना दिया.

पद छोडने के लिए मिलीं धमकियां

उन्होंने बताया कि सांसद बनने के बाद उनके परिवार की मुसीबत कम होने की वजाय ज्यादा बढ़ गईं. सांसद बनने से नराज मुस्लिम समाज के लोगों ने 15 दिन बाद ही उनके परिवार की एक लड़की का अपहरण कर लिया और उन्‍हें पद छोडने के लिए धमकियां भी दीं.

धर्म परिवर्तन कर मामला खत्म करने को कहा

डिवायाराम ने बताया कि उनका यह मामला पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा. वहां के जज ने भी उन्हें समझौता करने और धर्म परिवर्तन कर मामला खत्म करने को कहा. इसके बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया और भारत में शरण लेने का फैसला लिया.

नागरिकता मिलने की जगी उम्‍मीद

राज्यसभा में ना‍गरिकता बिल (Citizenship Amendment Bill) पास होने से डिवायाराम और उनके परिवार को भारत की नागरिकता मिलने की उम्‍मीद जग गई है. उनका कहना है कि भारत की नागरिकता पाकर अब उनके परिवार का भी राशन कार्ड बन जाएगा और वे सरकार से मिलने वाली सुविधाओं का भी लाभ ले सकेंगे.

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