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हेल्पलाइन नंबर, पत्रकारों पर बंदिश, हड़ताली डॉक्टरों ने ममता बनर्जी से की ये मांगें
पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों और राज्य सरकारों के बीच चल रहा विवाद अभी तक थमा नहीं है. डॉक्टर अभी भी नाराज हैं और काम करने से इनकार कर रहे हैं, तो वहीं इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को बात करने के लिए बुलाया है. इस बीच रेजिडेंट डॉक्टरों ने ममता बनर्जी को चिट्ठी लिख अपनी कुछ मांगें बताई हैं. आज सीएम के साथ मुलाकात में डॉक्टर इन मांगों पर चर्चा कर सकते हैं.
हड़ताली डॉक्टरों की मांग है कि उन्हें भी AIIMS अस्पताल के तर्ज पर सुरक्षा मिलनी चाहिए. इसके अलावा इन डॉक्टरों की जितनी बड़ी मांगें हैं, उन्हें यहां पर पढ़ें...
1. AIIMS अस्पताल के तर्ज पर मिले सुरक्षा
2. आधार कार्ड की मदद से मरीज की पहचान करने की सुविधा या फिर किसी बायोमेट्रिक सिस्टम
3. अगर मरीज के परिजनों द्वारा किसी भी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है, तो पूरा नुकसान परिवार को ही भरना होगा.
4. अगर डॉक्टरों को गाली दी जाती है या फिर उनके साथ मारपीट की जाती है. तो इसकी CCTV फुटेज सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज या वकीलों के पास भेजनी चाहिए, ताकि वह जांच कर सकें.
5. डॉक्टरों के साथ बदतमीजी के मामले फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुने जाएं.
6. राजनेताओं के खिलाफ डॉक्टरों की शिकायत के लिए केंद्र सरकार एक हेल्पलाइन नंबर बनाए.
7. जहां पर सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर डॉक्टरों को प्रताड़ित करे, वहां पर सीबीआई जांच की जाए.
8. डॉक्टरों के खिलाफ सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई.
9. महिला डॉक्टरों के मामले में महिला अधिकारों का पालन होना चाहिए.
10. अगर कोई पत्रकार मेडिकल की कोई कहानी करता है, तो उस कहानी को पब्लिश करवाने से पहले डॉक्टरों के पैनल की मंजूरी लेनी चाहिए. अन्यथा, पूर्व हाईकोर्ट जज के सामने इस रिपोर्ट को पेश करना होगा. ऐसा ना करना कानून का उल्लंघन माना जाएगा.
11. हेल्थ बजट कुल बजट का 5 फीसदी होना चाहिए.
12. मरीजों को दिए जाने वाले परामर्श की रिकॉर्डिंग होनी चाहिए.
13. किसी भी मरीज की मौत की सूचना RMO को दी जानी चाहिए, वो भी सुरक्षा के बीच.
14. मेडिकल की पढ़ाई पर साढ़े चार साल से ऊपर खर्च होने वाली राशि पब्लिक होनी चाहिए. 110 बेड के साथ 1 ICU और वेंटेलाइजेशन की सुविधा होनी चाहिए.