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भारत की बड़ी जीत कुलभूषण जाधव के फांसी पर इंटरनेशनल कोर्ट ने लगाई रोक

Sujeet Kumar Gupta
17 July 2019 12:10 PM GMT
भारत की बड़ी जीत कुलभूषण जाधव के फांसी पर  इंटरनेशनल कोर्ट ने लगाई रोक
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पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के मामले में उन्हें फांसी की सजा सुनायी थी।

नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में हेग स्थित अंतरराष्ट्रीमय न्यायलय (International Court of Justice) में अहम फैसला सुनाया अदालत ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है। साथ ही जाधव को काउंसलर एक्सेस की भी सुविधा मिलेगी।

उन्होंने बताया कि 16 जजों की बेंच ने कुलभूषण के पक्ष में 15-1 से फैसला दिया है। कोर्ट के अध्यक्ष सोमालिया के जस्टिस अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने फैसला पढ़ा। उन्होंने 42 पन्नों के फैसले में कहा कि पाकिस्तान जब तक पाकिस्तान प्रभावी ढंग से अपने फैसले की समीक्षा और पुनर्विचार नहीं कर लेता है, तब तक कुलभूषण की फांसी पर रोक रहेगी। कुलभूषण को कॉन्स्युलर एक्सेस ना दिए जाने के पाकिस्तान के कदम के आधार पर अदालत ने यह फैसला लिया।

आज जब फैसला सुनाया जा रहा था तो रीमा ओमर ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कानूनी सलाहकार दक्षिण एशिया आईसीजे ने योग्यता के आधार पर जाधव के अधिकार और अधिसूचना की पुष्टि करते हुए, योग्यता के आधार पर भारत के पक्ष में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पाकिस्तान को उसकी सजा और सजा की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है।

रीमा ओमर, अंतर्राष्ट्रीय कानूनी सलाहकार ने यह भी कहा है कि जाधव की मौत की सज़ा को तब तक निलंबित रखा जाना चाहिए जब तक कि पाकिस्तान प्रभावी रूप से कला 36 (1) के उल्लंघन के संबंध में सजा / सजा पर पुनर्विचार या पुनर्विचार नहीं करता है,

यानी कांसुलर एक्सेस और अधिसूचना से इनकार निष्पादन की निरंतर रोक एक प्रभावी समीक्षा के लिए एक अनिवार्य स्थिति का गठन करती है और श्री कुलभूषण सुधीर जाधव की सजा और सजा पर पुनर्विचार

ICJ: कोर्ट ने पाया कि पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण जाधव से संपर्क करने और उन्हें हिरासत में लेने के अधिकार से वंचित कर दिया। अपने कानूनी प्रतिनिधित्व के लिए व्यवस्था करने के लिए, और इस तरह से कंसूलर रिलेशंस पर वियना कन्वेंशन के तहत इसके दायित्वों का उल्लंघन हुआ

आपको बता दें कि जाधव को मार्च 2016 को पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने बलूचिस्तान प्रांत में ईरान की सीमा से कुछ किलोमीटर दूर मशाकेल शहर से गिरफ्तार किया था। पाकिस्तान का कहना है कि जाधव ईरान से पाकिस्तान में घुसे थे। पाकिस्तान ने उन पर हुसैन मुबारक पटेल नाम से पाकिस्तान में रहने और भारत के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया था। पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के मामले में उन्हें फांसी की सजा सुनायी थी।

पाकिस्तानी सेना ने दावा किया था कि श्री कुलभूषण जाधव ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पाकिस्तानी अदालत के इस फैसले को भारत ने मई 2017 में आईसीजे में चुनौती दी जिसके बाद जुलाई 2018 में जाधव की सजा पर रोक लगा दी गई। भारत ने पाकिस्तान के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्ति के बाद अपना कारोबार कर रहे थे। भारत ने जाधव की गिरफ्तारी को वियना संधि का उल्लंघन बताते हुए पाकिस्तान से उन्हें भारत को सौंपने की मांग भी की थी लेकिन पाकिस्तान ने भारत के इस प्रस्ताव ठुकरा दिया था।



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