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कांग्रेस के इस नेता ने खुलकर कहा, मुझे बनाओ अध्यक्ष, बदल दूंगा कांग्रेस!
पूर्व केंद्रीय मंत्री और हॉकी ओलंपियन असलम शेर खान ने राहुल गांधी की जगह पर नया कांग्रेस अध्यक्ष बनने की इच्छा जताई है। उन्होंने राहुल को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वह दो साल के लिए उनका पद संभालने के लिए तैयार हैं। वह साल 1975 में हॉकी के मैदान में भी अपना दम-खम दिखा चुके हैं। हालांकि, कांग्रेस के ज्यादातर वरिष्ठ नेताओं ने खान की इस चिट्ठी को गंभीरता से नहीं लिया है।
खान पहले ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने राहुल के इस्तीफे की पेशकश के बाद कांग्रेस चीफ का पद संभालने के लिए दावेदारी रखी है। दरअसल, लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी और बीजेपी से करारी हार के बाद राहुल ने 25 मई को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यू) की बैठक में पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की थी, जिसे पार्टी नेताओं ने खारिज कर दिया था। सभी का मत था कि राहुल संगठन का पुनःगठन करें और आगे बढ़ें। सूत्रों के मुताबिक, वह इसके बाद भी पद छोड़ने पर अड़े हैं।
ताजा मामले में खान ने 27 मई को लिखे खत के जरिए कहा, मैं पार्टी को अपनी सेवाएं देना चाहता हूं और दो साल के लिए कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालना चाहता हूं। एक हॉकी खिलाड़ी के नाते, मैं कठिन परिस्थितियों में अपनी क्षमता को साबित कर चुका हूं। 1975 विश्व कप के सेमीफाइनल में भारत जब 2-1 से पीछे चल रहा था, तब खेल के अहम पलों में मुझे सबस्टीट्यूट के तौर पर मौका दिया गया था। मैंने तब भारतीय टीम की तरफ से कारनामा दिखाया था। इतिहास जानता है कि भारत ने वह मुकाबला जीता था।
65 वर्षीय खान, मलेशिया में 1075 में हुए हॉकी वर्ल्ड कप के दौरान भारतीय टीम का हिस्सा रहे। उनके मुताबिक, उन्होंने हालिया प्रस्ताव अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी और राजनेता होने के नाते रखा है। अपनी चिट्ठी में उन्होंने राहुल को यह बताना चाहा कि कैसे उन्होंने 1996 के आम चुनाव में कांग्रेस को 140 सीटें दिलाने में मदद की। उन्होंने आगे लिखा, अगर आप अपना विश्वास मुझमें दिखाएंगे, तब मैं सुनिश्चित करता हूं कि मैं आपको निराश नहीं करूंगा। मेरी कोशिश रहेगी कि इन दो सालों में मैं पार्टी को बराबरी पर ला खड़ा करूं, फिर भी आप ही सबसे बेहतर जज हैं।
खान इसके अलावा 1972 में म्यूनिक ओलंपिक्स में भी हिस्सा ले चुके हैं। 2017 में उन्होंने मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के खिलाफ विवादित बयान दे दिया था, जिसके चलते पार्टी ने यह तक कहा था कि उनका खान से कोई लेना-देना ही नहीं है। म.प्र कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा के हवाले से रिपोर्ट्स में कहा गया- खान ने पांच सितंबर, 2016 को तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (अब यूपीए चीफ) को पार्टी से इस्तीफा सौंपा था, जो कि उसी दिन स्वीकार लिया गया था।