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कमाई के लिहाज से क्षेत्रीय पार्टियों में ये है सबसे अमीर पार्टी, रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
नई दिल्ली : देश में इस वक्त कई ऐसी क्षेत्रीय पार्टियां हैं जिन्होंने 2015-2016 में खूब पैसे कमाए बल्कि इसमें से कुछ पार्टियों ने तो अपनी पूरी आमदनी भी खर्च नहीं की। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015-16 के दौरान 32 क्षेत्रीय पार्टियों के पास चंदे और अन्य स्रोतों से जुटाई गई कुल रकम की राशि 221.48 करोड़ रुपए रही।
इनमें से 110 करोड़ रुपए खर्च भी नहीं किए जा सके जो कि लगभग 49 फीसदी से भी अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक सभी क्षेत्रीय पार्टियों में 77.63 करोड़ की आय के साथ कमाई के लिहाज से डीएमके अव्वल है जबकि 54.94 करोड़ रुपए के साथ अन्नाद्रमुक दूसरे और 15.98 करोड़ रुपए के साथ तेलगू देशम पार्टी तीसरे स्थान पर है।
गैर-सरकारी संगठन एसोसिएशन फार डैमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) की रिपोर्ट के मुताबिक देश के क्षेत्रीय राजनीतिक दलों में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) की आमदनी सबसे ज्यादा है जबकि अन्नाद्रमुक और तेलगू देशम पार्टी क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। आय के हिसाब से क्षेत्रीय दलों में इन 3 पार्टियों की कुल हिस्सेदारी 67 फीसद थी जिसका 50 प्रतिशत हिस्सा खर्च ही नहीं किया गया।
ADR ने क्षेत्रीय पार्टियों द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए आय और व्यय के ब्यौरे के आधार पर ये रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में बड़ा खुलासा करते हुए कहा गया है कि 32 क्षेत्रीय दलों में से केवल 18 ने ही आयकर दाखिल करने और चंदे में मिली रकम का ब्यौरा आयोग को दिया है। कुल 47 क्षेत्रीय पार्टियों में से केवल एक-तिहाई ने अपनी अंकेक्षण रिपोर्ट समय पर दाखिल की है।
गौरतलब है इस रिपोर्ट के अनुसार चुनाव आयोग को अब तक अपनी अंकेक्षण रिपोर्ट नहीं जमा करने वाले 15 क्षेत्रीय दलों में समाजवादी पार्टी, जम्मू-कश्मीर नैशनल कॉन्फ्रेंस, राष्ट्रीय जनता दल, इंडियन लोक दल, ऑल इंडिया एन.आर.कांग्रेस, ऑल इंडिया यूनाइटेड डैमोक्रेटिंक फ्रंट, ऑल झारखंड स्टूडैंट्स यूनियन और महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी प्रमुख हैं।
बता दें रिपोर्ट के अनुसार, 2015-16 में जिन 3 क्षेत्रीय पार्टियों ने सबसे अधिक खर्च किया है वो जेडीयू, टीडीपी और आम आदमी पार्टी हैं। जेडीयू ने 23.46 करोड़, टीडीपी ने 13.10 करोड़ और आम आदमी पार्टी ने 11.09 करोड़ रुपए खर्च किए।
रिपोर्ट के मुताबिक 32 में से 14 ऐसी भी पार्टियां हैं जिन्होंने अपनी कुल आय से भी अधिक खर्च किया है। झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक, जेडीयू और आरएलडी तीन ऐसी पार्टियां हैं जिन्होंने अपनी आय से 200 फीसदी तक अधिक खर्च किया है।