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गोरखपुर उपचुनाव: सीएम योगी के बूथ पर बीजेपी को मिले कितने वोट? बना सस्पेंस...
पिछले तीन दशकों से भाजपा के खाते में रही गोरखपुर सीट पर इस बार सपा ने जीत का परचम लहराकर सभी को चौंका दिया है। गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी प्रवीण निषाद ने भाजपा के प्रत्याशी उपेंद्र दत्त शुक्ला को 21,881 वोटों से हरा दिया। प्रवीण निषाद को जहां 4,56,513 वोट मिले, वहीं भाजपा प्रत्याशी 4,34,632 वोट ही हासिल कर सके। सूबे के मुख्यमंत्री के गढ़ में यह हार बीजेपी के लिए किसी सदमे से कम नहीं। योगी के आलोचक इसे सीएम की निजी हार के तौर पर पेश कर रहे हैं। इस बीच, सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल हो गई कि जिस बूथ पर सीएम ने वोट डाला, वहां बीजेपी को महज 43 वोट मिले। बीजेपी के राजनीतिक विरोधियों ने सोशल मीडिया पर इस खबर को शेयर करते हुए पार्टी पर जमकर तंज कसे। हालांकि, एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि बीजेपी को सीएम के बूथ पर 43 नहीं, बल्कि 182 वोट मिले हैं।
बता दें कि सोशल मीडिया पर इस बात की खूब चर्चा रही कि योगी के बूथ पर बीजेपी को महज 43 वोट मिले। चुनावी उठापटक पर नजर रखने वाले लोगों की इस खबर पर खास नजर रही। वहीं, बीजेपी विरोधी खेमे ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर मजे लेने शुरू कर दिए। कुछ ने इसे गोरखनाथ मठ पर योगी को मिलने वाले वोट से जोड़ दिया। वहीं, कुछ ने कहा कि सीएम के बूथ पर बीजेपी से ज्यादा वोट तो कांग्रेस को मिले। एक यूजर ने तंज कसते हुए तो यहां तक लिखा कि योगी अपना घर बचाने में ही नाकाम रहे।
हिंदी अखबार अमर उजाला के गोरखपुर संस्करण में 15 मार्च (गुरुवार) को पेज नंबर 4 पर खबर छपी कि जिस बूथ पर योगी ने वोट डाला, वहां बीजेपी को महज 43 वोट मिले हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ ने कन्या प्राथमिक विद्यालय, गोरखपुर स्थित जिस बूथ पर वोट डाला, वहां कुल 1775 वोट डाले गए। इसमें से बीजेपी को 43 वोट मिलने की बात कही गई है।
जबकि शाम होते होते हिंदी वेबसाइट दैनिक भास्कर डॉट कॉम ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की। इसके मुताबिक, बीजेपी को 43 वोट मिलने की बात महज अफवाह है। असल में पार्टी को 43 नहीं, बल्कि 182 वोट मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, योगी ने 11 मार्च को प्राथमिक विद्यालय गोरखनाथ बूथ संख्या 250 पर वोट डाला। इस बूथ पर कुल 670 वोटर हैं। रिपोर्ट क मुताबिक, इस बूथ पर केवल 284 वोट पड़े। इसमें बीजेपी को 182, सपा को 95 जबकि कांग्रेस को 3 वोट मिले। बाकी वोट नोटा और निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गया।
ज्यादा कन्फ्यूजन की स्थिति इसलिए भी हुई क्योंकि गोरखपुर उप चुनाव से जुड़े विस्तृत आंकड़े मीडिया में नहीं आए। दरअसल, चुनाव आयोग की इजाजत के बावजूद डीएम ने पत्रकारों को मतगणना केंद्र में घुसने नहीं दिया। बाद में आयोग ने कहा कि जिलाधिकारी खुद मीडिया को जानकारी दे रहे हैं। दावा किया गया कि गिनती के शुरुआती शुरुआती राउंड में जैसे ही सपा कैंडिडेट ने लीड लेनी शुरू की, उसके बाद ही मीडिया रिपोर्टिंग पर बैन लगा दिया गया। सपा ने जिला प्रशासन पर बीजेपी की मदद करने का आरोप लगाया। वहीं, बीजेपी ने कहा कि इस डीएम की नियुक्ति खुद पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने की थी। हालांकि, इस विवाद का एक नुकसान यह भी नजर आता है कि मीडिया रिर्पोटिंग पर रोक की वजह से गोरखपुर उप चुनाव से जुड़े विस्तृत आंकड़े सामने नहीं आ सके।