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विश्व हिंदू परिषद में अध्यक्ष पद का चुनाव, तोगड़िया से छिन सकती है कुर्सी

विश्व हिंदू परिषद में अध्यक्ष पद का चुनाव, तोगड़िया से छिन सकती है कुर्सी
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मोदी सरकार का विरोध विहिप नेता डॉ प्रवीन तोगड़िया को पड़ सकता है महंगा
लंबे अरसे बाद विश्व हिंदू परिषद में तूफान मचा है. गतिविधियां ऐसी चल रहीं है जैसे राम मंदिर आंदोलन के दौर में भी नहीं चलीं होगी. इस बार ये मुहिम है कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडिया और अध्यक्ष राघव रेड्डी को पद से हटाने की. चुनाव कल सुबह शनिवार को गुरुग्राम के न्यू पीडब्लूडी गेस्ट हाउस में होना है लेकिन दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद के दो खेमों के बीच तलवारें तनी हैं.

विश्व हिंदू परिषद महासचिव चंपत राय ने एक बयान जारी कर के कहा प्रवीण तोगडिया पर आरोप लगाया उन्होने अपने समर्थकों के साथ वीएचपी मुख्यालय पर धक्का मुक्की की है. चंपत राय ने कहा कि ये प्रवीण तोगडिया की निराशा और हताशा का प्रतीक है और चुनाव बाधित करने का तरीका है. चंपत राय ने दावा किया कि 273 वोटरों की लिस्ट भी प्रवीण तोगडिया और राघव रेड्डी को सौंपी जा चुकी है इसलिए ऐसा दबाव सिर्फ चुनावो को टालने के लिए डाला जा रहा है. चंपत राय ने कहा कि चुनाव शामतिपुर्ण ही होंगे.

आरोपों से भडके प्रवीण तोगडिया ने जवाब देने में देर नहीं लगायी. उन्होंने भी बयान जारी कर के कहा कि वीएचपी का एक खेमा उनके खिलाफ गलत प्रचार करने में लगा है. उन्होने विश्व हिंदू परिषद कार्यालय पर हुए हंगामे पर भी सफाई दी. तोगडिया ने कहा कि वो सुबह 10 बजे विश्व हिंदू परिषद कार्यालय में अपने कमरे में गए थे. जहां 4-5 कार्यकर्ता फल लेकर उनसे मिलने पहुंचे थे. लेकिन उन्हें उन्हें गेट से अदंर बाउंसरों ने घुसने नहीं दिया. इन बाउंसरों ने कार्यकर्ताओं की धुनाई भी की. मैने खुद पुलिस के कंटोल रुम यानि 100 नंबर पर शिकायत दर्ज करायी. तोगडिया ने विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने की अपील भी की और दावा कि कोई भी चंपत राय के इन आरोपों से भ्रमित नहीं होने वाला.

एक अरसे से प्रवीण तोगडिया को हटाने की मुहिम चल रही है. चंद महीने पहले ही भुवनेश्वर में ये कोशिशें तोगडिया ने नाकाम कर दी थीं. उस बैठक में संघ के सरकारवाह भैयायाजी जोशी भी मौजुद थे. विश्व हिंदू परिषद के 52 साल के इतिहास में कभी चुनाव हुआ तक नही है. अब तक सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुन लिया जाता रहा है. राघव रेड्डी अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और तोगडिया कार्यकारी अध्यक्ष. चुनाव अध्यक्ष का होना है. 75 पार चुके विष्णु कोकजे को तोगडिया विरोधी खेमें ने आगे किया है. सूत्रों के मुताबिक तोगडिया खेमें का यही कहना है कि जब सुदर्शनजी ने 75 की आयु में सरसंघचालक का पद त्याग दिया और वरिष्ठ नेता 75 की आयु तक रियायरमेंट की बात करते हैं ऐसे में 79 साल के कोकजेजी को अध्यक्ष बनाने की बात बेमानी है.

पहली बार ऐसा हो रहा है कि बैलट बॉक्स चुनाव कराने केलिए मंगाए गए है. चेहरे तो कोकजे और राघव रेड्डी के हैं लेकिन विरोधी खेमे असली लडाई तोगडिया से हैं. तोगडिया ने पिछले दिनों में मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कभी राम मंदिर पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं तो कभी किसानों के हित की. जाहिर है सरकार के लिए भी फजीहत हो रही है. संघ के वरिष्ठ नेता भी पर्यवेक्षक बन के मौजुद रहेंगे. पिक्चर अभी बाकी है. तोगड़िया लगातार मोदी सरकार के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोले हुए है. इसके चलते ही चुनाव कराकर तोगड़िया को ठिकाने लगाया जा सकता है.
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