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जाना चाहो तो राह अपने आप बन जाती है इसे साबित किया है जक़ात फाउंडेशन ऑफ इण्डिया ने . शुक्रवार को आए यूपीएससी के फाइनल रिजल्ट में 26 युवा वो थे जिन्होंने ज़कात फाउंडेशन की मदद से यूपीएससी की तैयारी की है .पिछली साल से 10 बच्चे ज्यादा चुने गए हैं आपको यह जानकार हैरानी होगी की ज़कात दान के पैसों पर चलता है .
इस साल ज़कात की मदद से आईपीएस और आईएएस बनने वालों में सबसे ज्यादा यूपी और केरला के 9-9 युवा हैं . जबकि जम्मू और कश्मीर से 3 और महाराष्ट्र-बिहार के 2-2 युवा हैं . लेकिन पिछले साल के मुताबिक इस बार लडकियों की संख्या में गिरावट आई है .पिछले साल 4 लडकियों ने ज़कात की मदद यूपीएससी की परीक्षा पास की थी .जबकि इस बार सिर्फ 2 लडकियों ने ज़कात की मदद से परीक्षा पास की है .
डॉ जफ़र ने कहा कि हमारे पास दिल्ली में चार हॉस्टल हैं . सबसे पहले हम चुने गए लड़के-लड़कियों को दिल्ली की कुछ अलग-अलग कोचिंग में दाखिला दिलाते हैं. इसका खर्च जक़ात फाउंडेशन ही उठाती है. कोचिंग में पढ़ाई करने के बाद शुरू होती है जक़ात फाउंडेशन की पढ़ाई.
- हॉस्टल में लाइब्रेरी और रीढिंग रूम बनाए गए हैं.
- ग्रुप डिस्कशन के लिए एक हॉल बनाया गया है.
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर पैनल के साथ चर्चा कराई जाती है.
- जीएसटी पर चर्चा कराने के लिए रेवेन्यू सर्विस के रिटायर्ड और सर्विंग अधिकारियों को बुलाया गया था.
- देश के अलग-अलग हिस्सों से जमा कर समय-समय पर स्टाडी मेटेरियल दिया जाता है.
- व्हाट्सअप ग्रुप पर देश और विदेश में हर रोज घटने वाली घटनाओं की जानकारी दी जाती है.
- प्री और मुख्य परीक्षा पास करने के बाद इंटरव्यू की तैयारी कराई जाती है.
- जक़ात फाउंडेशन का पैनल एक उम्मीदवार का तीन बार इंटरव्यू लेते हैं.
- पैनल में सिविल सर्विस के रिटायर्ड और सर्विंग अधिकारी शामिल हैं.
- सिविल सर्विस की तरह से फुल ड्रेस में इंटरव्यू की रिहर्सल कराई जाती है.
- अधिकारियों का पैनल एक दिन में पांच उम्मीदवारों का इंटरव्यू लेता है.
- ये ही पैनल उसके बाद उम्मीदवारों को उनकी खामियां बताते हुए सुधार के लिए टिप्स देते हैं.
नोट: डॉ. जफर बताते हैं कि हॉस्टल में उम्मीदवार सिर्फ पढ़ते हैं, खाना खाते हैं और नमाज पढ़ते हैं.