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पूर्व सांसद उदित राज ने ब्राह्मणों का बनाया मजाक, योगेश्वर दत्त बोले तुझ जैसा सांसद बनना देश का दुर्भाग्य
देश में दलित बनाम ब्राह्मण समाज को धार देने का काम कांशीराम ने शुरू किया था. जिससे दलित को एक लाइन में इकठ्ठा कर लिया. इसके बाद मायावती ने उनकी सल्तनत संभाली. उधर दलितों के नेता के नाम पर रामविलास पासवान, उदित राज , ओमप्रकाश राजभर सरीखे नेता भी आ गये. लेकिन जिस भाषा का अब इस्तेमाल उदित राज करते है उसे किसी ने नहीं प्रयोग किया है.
अभी कुछ दिन पहले भी उन्होंने राम मंदिर के बने ट्रस्ट में ब्राह्मणों की हिस्सेदारी पर घटिया टिप्पणी की जिसके बदले उनकी मुखालफत कांग्रेस के नेता राजीव त्यागी और जतिन प्रसाद ने की थी. लेकिन इस बात को अभी चंद दिन भी नहीं बीते थे अब फिर से उदित राज ने ब्राह्मणों पर फिर से एक टिप्पणी की है.
उदित राज ने कहा है कि शूद्र का आटा,शूद्र का घी भोग लगाएं पंडित जी. शूद्र बेचारे दान चढावैं, मौज मनावैं पंडित जी. पैदा हो जब शूद्र के बेटा, नाम धरावैं पंडित जी. आरक्षण से मिलल, नौकरी , मनौती पुरावैं पंडित जी. खेत बेंच मन्दिर बनवावैं , पुजारी बनिगैं पंडित जी. शूद्रन के चपरासी बनवावैं, हाकिम बनिगै पन्डित जी.
शूद्र का आटा,शूद्र का घी
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) February 14, 2020
भोग लगाएं पंडित जी।
शूद्र बेचारे दान चढावैं
मौज मनावैं पंडित जी।
पैदा हो जब शूद्र के बेटा
नाम धरावैं पंडित जी
आरक्षण से मिलल, नौकरी l
मनौती पुरावैं पंडित जी
खेत बेंच मन्दिर बनवावैं
पुजारी बनिगैं पंडित जी।
शूद्रन के चपरासी बनवावैं,
हाकिम बनिगै पन्डित जी।
उनकी लगातार टिप्पणी से ब्राह्मण समाज में रोष बना हुआ है. इसको लेकर पहलवान योगेश्वर दत्त ने भी तीखा जबाब देते हुए कहा है कि देश का इसे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है जब तुझ जैसा भी सांसद बन जाता है. जब सांसद होगा तो लुट मचाई होगी. अब अपनी घटिया मानसिकता दिखा रहा है. रटता रह माला कल्याण हो जाएगा.
देश का इसे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है जब तुझ जैसा भी सांसद बन जाता है । जब सांसद होगा तो लुट मचाई होगी । अब अपनी घटिया मानसिकता दिखा रहा है । रटता रह माला कल्याण हो जाएगा । https://t.co/E45Gxt6EB5
— Yogeshwar Dutt (@DuttYogi) February 14, 2020
बता दें कि आज के माहौल में अब इन सभी बातों का कोई मतलब नहीं रह गया है. जबकि फिर सब हिंदू एकता की बात करते है जबकि आपसी एकता में अंदर से जहर भरा हुआ है. इस जहर के निष्कासन के बिना कोई कार्य नहीं हो सकता है.