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राष्ट्रीय
यूरोप, अमेरिका और चीन समेत दुनिया के 99 देशों पर बड़ा साइबर अटैक
Arun Mishra
13 May 2017 4:43 AM GMT
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नई दिल्ली : यूरोप, अमेरिका और चीन समेत दुनिया के 90 देशों पर हैकर्स ने सायबर हमला किया है। उनके शिकार अस्पतालों के अलावा टेलिकॉम फर्म और कई कंपनियां हुई हैं। हमले के बाद हैकर्स ने फिरौती की मांग की है। इस हमले के बाद दुनियाभर में हड़कंप मच गया है। साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, 'मालवेयर कंप्यूटर वायरस 'रैंसमवेयर' की चपेट में आकर कंप्यूटर प्रभावित हो रहे हैं। ये वायरस स्पैम ईमेल के जरिये जॉब ऑफर, इनवायसस, सेक्योरिटी वार्निंग्स और अन्य संबंधित फाइल्स की शक्ल में पहुंच रहा है।'
हैकर्स ने बिटकॉइन में मांगी फिरौती
हैकर्स का कहना है कि पैसे देने में जितना समय लगेगा फिरौती की रकम उतनी बढ़ेगी और ज्यादा टाइम होने पर सभी फाइल्स को डिलीट कर दिया जाएगा। हैकरों ने रकम की मांग बिटक्वाइन के रूप में की है। बिटक्वाइन को हैकर्स अपने रैंजम के तौर पर यूज करते हैं ताकि उन्हें आसानी से ट्रेस न किया जा सकेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अगर कोई इमरजेंसी नहीं है तो फिलहाल मरीज अस्पताल न आएं। हैकिंग के तरीके से साफ है कि यह रैंजम के लिए की गई हैकिंग है। यानी हैकर्स फाइल रिकवर करने और कंप्यूटर को अनलॉक करने के लिए अब पैसे मांग रहे हैं।
विंडोज एक्सपी को बनाया जा रहा है निशाना
आपको बता दें कि यह साइबर अटैक विंडोज (Windows) कंप्यूटर्स में हो रहा है और खास कर उनमें जिनमें एक्सपी (XP) है। खबरों के मुताबिक, ब्रिटेन के जिन अस्पतालों के कंप्यूटर्स हैक हो रहे हैं, उनमें ज्यादातर विंडोज एक्सपी पर चलते हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने इस ऑपरेटिंग सिस्टम का सपोर्ट पहले ही बंद कर दिया है, इसलिए इसे यूज करना किसी चुनौती से कम नहीं है।
कई देशों में रेनसमवेयर नाम के कंप्यूटर वायरस को साइबर हमले के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। रेनसमवेयर एक ऐसा वायरस है जो कंप्यूटर्स फाइल को बर्बाद करने की धमकी देता है। धमकी दी जाती है कि यदि अपनी फाइलों को बचाना है तो फीस चुकानी होगी। ये वायरस कंप्यूटर में मौजूद फाइलों और वीडियो को इनक्रिप्ट कर देता है और उन्हें फिरौती देने के बाद ही खोला जा सकता है।
ऐसे करें खुद को इस साइबर अटैक से सुरक्षित
मार्च में माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज यूजर्स के लिए एक सिक्योरिटी पैच अपडेट किया था। आपने अगर इसे इंस्टॉल नहीं किया है तो अब इसे इंस्टॉल कर लें। इसके अलावा आप अपने सिस्टम में किसी अच्छी कंपनी का एंटी वायरस डालें। एंटी वायरस की आखिरी तारीख याद रखें और उसे अपडेट कराते रहें। जब भी अपने कंप्यूटर को मोबाइल, पैन ड्राइव या किसी दूसरे डिवाइस से जोड़ें तो उसे स्कैन करें। किसी ऑनलाइन साइट से कुछ डाउनलोड करें या कुछ देखें तो पहले देख लें कि वो साइट रजिस्टर्ड हो। अपने सिस्टम को समय समय पर फॉर्मेट कराते रहें।
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