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राष्ट्रीय
मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मुर्सी को हुई उम्र कैद जाने क्यों ?
Special Coverage
19 Jun 2016 9:03 AM GMT
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काहिरा |
काहिरा की एक अदालत ने मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को जासूसी के आरोप में शनिवार को आजीवन कारवास की सजा सुनाई। मुर्सी के खिलाफ सजा की घोषणा अल जजीरा के दो पत्रकारों सहित 11 लोगों के खिलाफ चल रहे मुकदमे के अंतिम फैसले के दौरान की गई है। इन सभी पर कतर को देश की खुफिया सूचनाएं लीक करने का आरोप रहा है।
पिछले महीने अदालत ने आदेश दिया था कि मोरसी सहित छह प्रतिवादियों के मामले से जुड़ा दस्तावेज बड़े इमाम को भेजा जाएगा. मिस्र के कानून के तहत कोर्ट सजा-ए-मौत के सभी मामलों की समीक्षा कर सकती है. हालांकि, उनका फैसला बाध्यकारी नहीं है.
कोर्ट का ये फैसला अंतिम नहीं है और इसके खिलाफ अपील की जा सकती है. मोरसी और अन्य प्रतिवादियों पर गोपनीय दस्तावेज कतर को लीक करने और उन्हें अलजजीरा चैनल को बेचने का आरोप है. गोपनीय दस्तावेज में कथित तौर पर सामान्य और सैन्य खुफिया, सैन्य बलों, आयुध भंडार और देश की गोपनीय नीति पर सूचनाएं थी.
मालूम हो कि गैर कानूनी घोषित मुस्लिम ब्रदर हुड के नेता मोरसी को तीन और मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। इनमें 2011 के जेल ब्रेक तथा कैदियों को सामूहिक रूप से भगाने के मामले में फांसी और फिलीस्तीनी ग्रुप के लिए जासूसी के मामले में आजीवन कारावास की सजा शामिल है।
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