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चीन ने दिखाया #NSG पर मोदी को ठेंगा अब ये देश भी आये विरोध में

Special Coverage News
24 Jun 2016 2:31 AM GMT
चीन ने दिखाया #NSG पर मोदी को ठेंगा अब ये देश भी आये विरोध में
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सोल
चीन ने गुरुवार को रात्रिभोज के बाद परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की तीन घंटे की बैठक में इसकी सदस्यता हासिल करने की भारत की कोशिशों के विरोध का नेतृत्व किया, जिसके चलते बैठक बेनतीजा खत्म हुई। 48 सदस्यीय एनएसजी के दो दिवसीय पूर्ण अधिवेशन की शुरुआत गुरुवार को हुई। चीन ने बार बार कहा है कि भारत की सदस्यता एजेंडा में नहीं है और समझा जाता है कि भारत की कोशिशों पर किसी भी चर्चा को रोकने के लिए हर कोशिश की। हालांकि, यह भी समझा जाता है कि जापान ने सुबह के सत्र में भारत का मामला उठाया जिसके बाद वह राजी हुआ कि मामले को रात्रि भोज के बाद विशेष बैठक में उठाया जाएगा।


भारतीय आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चीन के साथ ऑस्ट्रिया, आयरलैंड और ब्राजील समेत अन्य देशों ने सवाल किया कि परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं करने वाले भारत जैसे देश को समूह में कैसे शामिल किया जा सकता है। दरअसल, उनका विरोध सिद्धांत और प्रक्रिया को लेकर रहा। ब्राजील के ऐतराज ने भारतीय राजनयिकों को हैरान कर दिया जिन्होंने उल्लेख किया कि वह पांच राष्ट्रों वाले 'ब्रिक्स' समूह का सदस्य है। भारत और ब्राजील के अलावा समूह में रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। यहां पर मौजूद विदेश सचिव एस जयशंकर ने इससे पहले ब्राजीली प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की थी। अधिकारियों ने बताया कि चर्चा बेनतीजा रही और आज अधिवेशन के समाप्त होने के पहले ही कुछ स्पष्ट हो सकेगा।


दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन से भारत की एनएसजी सदस्यता की कोशिश का समर्थन करने का अनुरोध किया। मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ताशकंद में मुलाकात की जबकि वहां से लगभग 5,000 किलोमीटर दूर दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में एनएसजी सदस्यों की रात्रिभोज के बाद की विशेष बैठक में भारत का मामला उठा हालांकि यह औपचारिक एजेंडा में नहीं था। भारत की सदस्यता के मुखर विरोधी चीन के अलावा तुर्की, ऑस्ट्रिया, न्यूजीलैंड और आयरलैंड ने भी यह रूख अख्तियार किया कि भारत के मामले में कोई अपवाद नहीं बनाया जा सकता।

भारत का विरोध चीन ने ही नहीं किया कई देशों ने
दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन से भारत की एनएसजी सदस्यता की कोशिश का समर्थन करने का अनुरोध किया। मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ताशकंद में मुलाकात की जबकि वहां से लगभग 5,000 किलोमीटर दूर दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में एनएसजी सदस्यों की रात्रिभोज के बाद की विशेष बैठक में भारत का मामला उठा हालांकि यह औपचारिक एजेंडा में नहीं था। भारत की सदस्यता के मुखर विरोधी चीन के अलावा तुर्की, ऑस्ट्रिया, न्यूजीलैंड और आयरलैंड ने भी यह रूख अख्तियार किया कि भारत के मामले में कोई अपवाद नहीं बनाया जा सकता।

नहीं माना अनुरोध
जाहिर है कि मोदी का अनुरोध चीन के रुख में बदलाव नहीं ला पाया लेकिन एनएसजी की दो दिवसीय पूर्ण बैठक के आखिरी दिन आज क्या होता है उसे देखना फिलहाल बाकी है। भारत के मामले पर जोर देने के लिए विदेश सचिव एस जयशंकर के नेतृत्व में भारतीय राजनयिक सोल में हैं। हालांकि, भारत की सदस्यता के अभाव में वे पूर्ण बैठक में प्रतिभागी नहीं हैं। लेकिन उन्होंने इस सिलसिले में कई प्रतिनिधिमंडलों के नेताओं से मुलाकात की। पूर्ण बैठक में 48 सदस्य देशों के करीब 300 प्रतिभागी शरीक हो रहे हैं जिसके पहले आधिकारिक स्तर का सत्र 20 जून को शुरू हुआ था।

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