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राष्ट्रीय
चीन की भारत को धमकी, 'डोकलाम से सेना पीछे हटाए भारत नहीं तो हम और सेना भेजेंगे'
Special Coverage News
24 July 2017 7:10 AM GMT
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चीनी सेना के प्रवक्ता वू कियान
डोकलाम में भारत के साथ सैन्य तनातनी के बीच चीन लगातार भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है..
नई दिल्ली : डोकलाम में भारत के साथ सैन्य तनातनी के बीच चीन लगातार भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। चीन की सरकार के बाद अब पहली बार चीनी सेना ने भी डोकलाम को लेकर धमकी दी है। चीन की सेना के प्रवक्ता वू कियान ने कहा कि डोकलाम से भारत की सेना पीछे हट जाए नहीं तो हम अपनी संख्या और बढ़ा देंगे। वू क़ियान ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "एक पहाड़ को हिलना आसान है, लेकिन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को हिलाना बहुत मुश्किल है।
चीन के सेना के प्रवक्ता ने कहा कि चीन की सेना अपने देश की संप्रभुता और सीमा की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगा, हमारी सेना का 90 साल का इतिहास इस बात का गवाह रहा है कि उसकी ताकत कितनी है। उन्होंने कहा कि पर्वत को हिलाना आसान है लेकिन हमारी सेना को हिला पाना आसान नहीं है।
वरिष्ठ कर्नल वू ने कहा, "हम भारत से दृढ़ता पूर्वक आग्रह करते हैं कि वह अपने सैनिकों को दोनों देशों की सीमा रेखा से वापस बुलाए। यह समस्या को निपटाने के लिए आधार है। शांति और सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा दोनों चीनी और भारतीय लोगों के हितों के साथ हो।"
उन्होंने आगे यह भी कहा, "हम दृढ़ता आग्रह करते हैं कि भारत अपनी गलतियों को सही करे और अपने उकसाने वाले कामों को समाप्त करे। और संयुक्त रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए चीनी पक्ष के साथ मिल कर काम करे।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि अगर चीन अपने से ट्राइलेटरल प्वाइंट का पूर्व में बनी हुई स्थिति को बदलता है तो यह भारत की सुरक्षा पर चुनौती है। उन्होंने कहा कि सारे देश हमारे साथ हैं और सभी देश समझ रहे हैं कि भारत ने अपना जो मत रखा है वो गलत नहीं है।
आपको बता दें कि भारत-चीन के बीच विवाद उस वक्त बढ़ गया था जब भारत ने चीन की सेना को विवादित इलाके में सड़क बनाने से रोक दिया था, यहां चीन 3500 किलोमीटर का सीमा पर सड़क बना रहा था। कुआन ने एक बार फिर से भारत से कहा कि वह अपनी सेना को पीछे बुलाए। भारत-चीन की 300 से अधिक सैनिक सीमा के पास 150 मीटर के दायरे में एक दूसरे के सामने डटे हुए हैं।
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