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राष्ट्रपति पद सँभालते ही कोविंद ने कांग्रेस के अस्तित्व को नाकारा, सोनिया हैरान अब क्या होगा!

Special Coverage News PBL
26 July 2017 5:32 AM GMT
राष्ट्रपति पद सँभालते ही कोविंद ने कांग्रेस के अस्तित्व को नाकारा, सोनिया हैरान अब क्या होगा!
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As soon as assuming the presidency, Kovind denies the existence of Congress, Sonia will be surprised now!
रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति ने पद सँभालते ही कांग्रेस के दुखती रग पर हाथ धर दिया। बर्दास्त नहीं हुआ कांग्रेस को। राष्ट्रपति चुनाव में हार का मुंह देखने वाली विपक्ष समेत कांग्रेस की राजनितिक समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। भाजपा को मात देने के लिए कांग्रेस हर तरह के पैतरे आजमा रही है लेकिन PM मोदी उसके हर चक्रव्यूह को भेदते हुए विजयी पताका लहरा ही देते है।
राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को मात देने के लिए कोविंद के विरोध में दलित उम्मीदवार मीरा कुमार को मैदान में उतारा लेकिन कांग्रेस विपक्ष को एकजुट करने में नाकाम रहा और कोविंद राष्ट्रपति बन गए। कांग्रेस की मुसीबत यहीं काम नहीं हुई। कोविंद राष्ट्रपति के पद सँभालते ही पहले दिन कांग्रेस के दुखती रग पर हाथ धर दिया।
आज रामनाथ कोविंद ने भारत के 14 वें राष्ट्रपति के रूप में अपना पद संभाला। नई दिल्ली में आज शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति कोविंद ने देश के नाम सम्बोधन किया। कोविंद ने जब अपना भाषण शुरू किया तो उन्होंने अपने संघर्ष के कहानी और राजनितिक सफर के बारे में देश के लोगों को अवगत कराया।
साथ साथ उन्होंने देश में समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के मूल मंत्र का भी जिक्र किया। उन्होंने वर्ष 2022 का जिक्र करते हुए कहा की इस साल हमारे आजादी के 75 साल पुरे हो रहें और हमें हमें तेजी से विकसित होने वाली मजबूत अर्थव्यवस्था, शिक्षित समाज का निर्माण करना होगा।
उन्होंने अपने सम्बोधन में महात्मा गांधी और दीनदयाल उपाध्याय द्वारा देश के लिए दिए गए अपने योगदान का जिक्र किया। रामनाथ कोविंद ने अपने पूरे संबोधन में देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, राधाकृष्णन, एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणब मुखर्जी के अलावा महात्मा गांधी और दीनदयाल उपाध्याय का ही नाम लिया। उन्होंने कांग्रेस के किसी PM का नहीं लिया जैसे – नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी।
बस फिर क्या था इसी बात को लेकर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा ये बहुत ही चुभने वाली बात है।वहीं आनंद शर्मा ने कहा कि राष्ट्रपिता गांधी के समकक्ष जनसंघ के नेता दीन दयाल उपाध्याय को नए राष्ट्रपति ने अपने सम्बोधन में खड़ा किया, ये ठीक नहीं है।
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