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ये हैं पीएम मोदी के 9 रत्न, जानिए- इन नए मंत्रियों के बारे में सब कुछ

Arun Mishra
3 Sep 2017 6:44 AM GMT
ये हैं पीएम मोदी के 9 रत्न, जानिए- इन नए मंत्रियों के बारे में सब कुछ
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3 साल के कार्यकाल में मोदी कैबिनेट का यह तीसरा विस्तार है, जिसमें 9 नए चेहरों को शामिल किया जा रहा है। कौन हैं ये 9 मंत्री, जानिए- इन नए मंत्रियों के बारे में सब कुछ...
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपनी कैबिनेट का विस्तार किया। 3 साल के कार्यकाल में मोदी कैबिनेट का यह तीसरा विस्तार है, जिसमें 9 नए चेहरों को शामिल किया जा रहा है। इसके अलावा 4 मौजूदा मंत्रियों को भी उनके प्रदर्शन के आधार पर तरक्की दी जा रही है। कैबिनेट का शपथ ग्रहण आज सुबह साढ़े 10 बजे राष्‍ट्रपति भवन में हुआ है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सभी नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

कौन हैं ये 9 मंत्री, जानिए- इन नए मंत्रियों के बारे में सब कुछ...

1. अनंत कुमार हेगड़े (कर्नाटक)
- अनंतकुमार हेगड़े कनार्टक से लोकसभा सांसद हैं। विदेश और मानव संसाधन मामलों पर बनी संसदीय समिति के सदस्य भी हैं। 28 साल की उम्र में सांसद बनने वाले अंनत कुमार और लोकसभा सांसद के तौर पर यह उनका 5वां कार्यकाल है। अनंतकुमार अपने संसदीय कार्यकाल के दौरान कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे हैं जिनमें वित्त, गृह, मानव संसाधन, कृषि और विदेश विभाग शामिल हैं। इतना ही नहीं वो 4 बार स्पाइसेज बोर्ड ऑफ इंडिया के सदस्य भी रह चुके हैं। हेगड़े कोरियन मार्शियल ताइक्वांडो भी जानते हैं। हेगड़े कदंबा के फाउंडर अध्यक्ष हैं जो एक एनजीओ है और ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य जैसे कई क्षेत्रों में काम करती है।

2. शिव प्रताप शुक्ला (उत्तर प्रदेश)
- शिव प्रताप शुक्ल उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं साथ ही वो संसदीय समिति (ग्रामीण विकास) के सदस्य भी हैं। वो उत्तर प्रदेश से साल 1989 से 1996 तक लगातार 4 बार विधायक रहे। इसके साथ ही शिव प्रताप 8 साल तक यूपी के कैबिनेट मिनिस्टर भी रहे हैं और ग्रामीण विकास, एजुकेशन और जेल सुधार के लिए किए गए अपने काम के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने गोरखपुर यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया है। उन्होंने 70 के दशक में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी।

3. सत्यपाल सिंह (यूपी)
- सत्यपाल सिंह उत्तर प्रदेश के बागपत से लोकसभा सांसद हैं। इसके अलावा सत्यपाल संसदीय समिति (ऑफिस ऑफ प्रॉफिट) के सदस्य भी हैं। सत्यपाल महाराष्ट्र काडर के 1980 बैच के आईपीएस ऑफिसर रह चुके हैं। साल 2008 में सरकार की तरफ से उन्हें आंतरिक सुरक्षा पदक दिया जा चुका है साथ ही 1990 में आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में नक्सली प्रभावित इलाकों में असाधारण काम करने के लिए उन्हें स्पेशल सर्विस मेडल दिया जा चुका है. इतना ही नहीं सत्यपाल मुंबई, पुणे और नागपुर के पुलिस कमिश्नर भी रह चुके हैं। साल 1990 में मुंबई में हो रहे क्राइम को खत्म करने का श्रेय भी इन्हें दिया जाता है।

4. राज कुमार सिंह (बिहार)
- राज कुमार सिंह बिहार के आरा से लोकसभा सांसद हैं। पूर्व बिहार काडर की 1975 बैच के पूर्व आईएएस ऑफिसर हैं। आरके सिंह फैमिली वेलफेयर पर बनी संसदीय समिति (हेल्छ एंड फेमिली, पर्सनल, पेंशन और जन शिकायत और कानून और न्याय संबंधी मामलों) के मेंबर भी हैं। वो देश के गृह सचिव भी रह चुके हैं। इससे पहले वो कई अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं जिनमें रक्षा उत्पादन सचिव और संयुक्त सचिव के साथ साथ बिहार सरकार में उद्योग, लोक निर्माण और कृषि विभाव शामिल हैं। वह पुलिस आधुनिकीकरण और जेल आधुनिकीकरण जैसे अपने कामों के लिए भी जाने जाते हैं। राज कुमार ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इंगलिश लिटरेचर में पढ़ाई की है इसके साथ ही उन्होंने एलएलबी भी किया है। बाद में वो पढ़ाई के लिए नीदलैंड्स चले गए थे।

5. हरदीप सिंह पुरी (डिप्लोमैट)
- हरदीप सिंह पुरी 1974 बैच के पूर्व आईएफएस ऑफिसर हैं और फॉरन पॉलिसी और नेशनल सिक्योरिटी में अपने एक्सपीरियंस व विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं। वो रिसर्च एंड इंफोर्मेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग कंट्रीज (आरआईएस) थिंक टैंक के अध्यक्ष हैं और न्यूयॉर्क के अंतर्राष्ट्रीय शांति संस्थान के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। हरदीप पुरी ब्राजील और ब्रिटेन में भी राजनयिक सेवाएं दे चुके हैं और इसके साथ ही वो जिनेवा में भी भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहे हैं। इसके अलावा पुरी ने संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के हेड के तौर पर भी काम कर चुके हैं। हरदीप सुरक्षा परिषद में काउंटर-टेररेजम कमिटी के अध्यक्ष भी रहे हैं।

6. डॉक्टर वीरेंद्र कुमार (मध्य प्रदेश)
- वीरेंद्र कुमार मध्य प्रदेश के टिकमगढ़ से लोकसभा सांसद हैं। वीरेंद्र 6 बार से लोकसभा सदस्य हैं। इसके साथ ही वो श्रम पर संसदीय स्थायी समिति के चेयरपर्सन भी हैं। वो लेबर एंड वेलफेयर और एससी- एसटी वेलफेयर कमिटी के सदस्य भी रह चुके हैंय़ 70 के दशक में वीरेंद्र मे जेपी मूवमेंट में हिस्सा लिया था और इमरजेंसी के दौरान वो मीसा के तहत 16 महीने जेल में भी रहे थे। उन्होंने स्टूडेंट्स की परेशानी को देखते हुए एक मूवमेंट की शुरुआत की और उनकी परेशानियों को दूर करने के लिए लाइब्रेरी की शुरुआत की।

7. गजेंद्र सिंह शेखावत (राजस्थान)
- गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान के जोधपुर से लोकसभा सांसद हैं. ये वित्तीय मामलों पर बनी संसदीय समिति के प्रमुख भी हैं. टेक्वोलॉजी के जानकार और प्रगतिशील किसान के तौर पर गजेंद्र ग्रामीण समुदाय के लिए रोल मॉडल के तौर पर जाने जाते हैं साथ ही वो सिंपल लाइफ के लिए भी जाने जाते हैं।

8. अश्विनी कुमार चौबे (बिहार)
- अश्विनी कुमार चौबे बिहार के बक्सर से लोकसभा सांसद हैं। चौबे संसदीय समिति (ऊर्जा) के सदस्य भी हैं। अश्विनी कुमार सेंट्रल सिल्क बोर्ड के सदस्य भी हैं। वो 5 बार लगातार बिहार असेंबली से विधायक चुने गए हैं, इसके साथ ही उन्होंने 8 साल तक स्वास्थ्य, शहरी विकास और जनस्वास्थ्य, इंजिनियरिंग जैसे कई अहम विभागों को संभाला है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत पटना यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के अध्यक्ष के तौर पर की थी। अश्विनी 70 के दशक में जेपी मूवमेंट का हिस्सा भी रह चुके हैं और इस दौरान वो जेल भी गए थे।

9. अल्फोंस कन्ननाथनम (केरल)
- अलफोंस कननथनम केरल काडर के 1979 बैच के आईएएस ऑफिसर रह चुके हैं। वह डीडीए के कमीशनर भी रह चुके हैं। पेशे से वकील भी हैं। अलफोंस उस समय मशहूर हुए थे जब वो डीडीए के कमिश्नर थे और उन्होंने 15, 000 अवैध इमारतों का अतिक्रमण हटाया। अल्फोंज का जन्म कोट्टयम जिले के मणिमाला नामक एक ऐसे गांव में हुआ था जहां बिजली तक नहीं हुआ करती थी। जिला कलेक्टर के रूप में उन्होंने भारत के पहले साक्षरता आंदोलन चलाया और साल 1989 में कोयट्टम को भारत का पहला 100% साक्षर (एजुकेटेड) टाउन बनाया।
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