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सेना को मिलेंगे 6 अमेरिकी जंगी अपाचे हेलीकॉप्टर, सरकार ने दी खरीदने को मंजूरी, जानें खूबियां
नई दिल्ली : भारतीय सेना को पहली बार 6 अमेरिकी जंगी अपाचे हेलीकॉप्टर मिलेंगे। सरकार ने भारतीय सेना के लिए अमेरिका से छह जंगी अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन छह अपाचे जंगी हेलीकॉप्टरों की खरीद पर कुल 4,168 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
बता दें पिछले कुछ समय से पाकिस्तान के बाद चीन के साथ भी भारत के संबंधों में कुछ खिंचाव आया है। डोकलाम विवाद के चलते दोनों ओर के सैनिक पिछले डेढ़ महीने से आमने सामने डटे हुए हैं। जिसके बाद थलसेना को पहली बार अटैक हेलिकॉप्टर मिलेंगे। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को रक्षा मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बैठक में सेना के लिए लड़ाकू हेलीकॉप्टर खरीदने के लंबे समय से लंबित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि छह 'एएच-64-ई' हेलीकॉप्टर सहायक उपकरणों, कलपुर्जों और शस्त्र प्रणाली के साथ आएंगे। डीएसी ने इसके अलावा यूक्रेन से नौसेना के जहाजों के लिए 490 करोड़ रुपए के दो गैस टरबाइन इंजन खरीदने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। सेना के सूत्रों के मुताबिक, 2020 तक हेलिकॉप्टर की आपूर्ति होने की उम्मीद है।
अपाचे हेलिकॉप्टर की खूबियां
- 'एएच-64-ई' हेलीकॉप्टर अत्याधुनिक लड़ाकू हेलीकॉप्टरों में गिने जाते हैं जिनमें आधुनिक शस्त्र प्रणाली और रात में भी लड़ने की क्षमता वाली विशेषताएं होती हैं।
- इस अपाचे हेलिकॉप्टर में 30 एमएम गन है जो किसी भी निशाने को तहस-नहस कर सकता है।
- अपाचे हेलिकॉप्टर 293 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ने में सक्षम है।
- अपाचे हेलिकॉप्टर 18 मीटर लंबा है और इसमें दो पायलटों की सीट रहती है।
- अपाचे हेलिकॉप्टर का वजन 5,165 किलोग्राम है।
- एजीएम-114 हेलीफायर मिसाइल और हाइड्रा 70 रॉकेट पॉड्स से लैस।
- यह हेलीकॉप्टर अपने आगे लगे सेंसर की मदद से रात में उड़न भर सकता है।
- 2000 हेलिकॉप्टरों का मौजूदा समय में हो रहा इस्तेमाल।
- 30 सितंबर 1975 को हुई थी इसकी पहली उड़ान।
अभी तक थल सेना के पास कोई लड़ाकू हेलीकॉप्टर नहीं था। सेना लंबे समय से अपने लिए लड़ाकू हेलिकॉप्टर के बेंड़े की मांग कर रही थी। अमेरिका से छह AH-64E अपाची हेलिकॉप्टर मिलने से भारतीय सेना की क्षमता में कई गुना इजाफा होगा। आपको बता दें इराक में जब अमेरिकी वायुसेना ने हमला किया था तो सबसे आगे अपाचे ने ही इराकी रडार को तबाह किया था।