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देवी-देवतओं पर विवादित बयान के बाद नरेश अग्रवाल ने मांगी माफी

Special Coverage News
19 July 2017 11:31 AM GMT
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मॉनसून सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार रहा, आज विपक्ष ने मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की।
नई दिल्ली: मॉनसून सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार रहा, आज विपक्ष ने मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की। इस बीच समाजवादी पार्टी से सांसद नरेश अग्रवाल ने बोलना शुरू किया और उनके एक बयान से बवाल मच गया। नरेश अग्रवाल ने कहा कि कुछ लोग हिंदू धर्म के ठेकेदार हो गए। ' मुझे याद है कि राम जन्मभूमि के आंदोलन के दौरान हम जेल गए थे। उस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जेल की दीवारों पर चार पक्तियां लिखी थीं।
नरेश अग्रवाल ने जैसे ही ये विवादित लाइनें पढ़ीं, वैसे ही राज्यसभा में बीजेपी नेताओं ने जोरादार हंगामा शुरू कर दिया और नरेश अग्रवाल से मांफी की मांग करने लगे। बीजेपी नेताओं ने इस दौरान नारा लगाना शुरू कर दिया कि श्री राम का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान। इस बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली और वरिष्ठ नेता अनंत कुमार ने कहा कि सदन में ऐसी भाषा के लिए आप पर एफआईआर हो सकती है।
बयान पर बवाल मचता देख नरेश अग्रवाल ने अपना बयान वापस लेते हुए उसपर खेद जताया। नरेश अग्रवाल की माफी के बाद उनका बयान राज्यसभा की कार्रवाई से हटा दिया गया है। इस दौरान राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बीजेपी और आएसएस के लोग मॉब लिंचिंग की घटनाओं में शामिल होते हैं। इसपर बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने आजाद के बयान का जवाब देते हुए कहा कि मॉब लिंचिंग करने वाले क्या अपने गले में गौरक्षक का साइन बोर्ड लगाकर रखते हैं?
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