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Archived
चीन के कब्जे वाले कश्मीर को लेने की ताकत भारत में नहीं, हम सिर्फ चिल्ला सकते हैं: फारूक अब्दुल्ला
Special Coverage News
17 July 2017 11:19 AM GMT
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जम्मू-कश्मीर के पूर्व CM फारूक अब्दुल्ला ने भारत के चीन के साथ रिश्तों को लेकर तंज कसा है।
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सिक्किम में सीमा विवाद और डोकलाम मुद्दे को लेकर तलवारें खींची हुई है। चीन चाहता है कि भारतीय सेना डोकलाम क्षेत्र से पीछे हट जाए हालांकि भारत किसी भी कीमत पर पीछे हटने को तैयार नहीं है। इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व CM फारूक अब्दुल्ला ने भारत के चीन के साथ रिश्तों को लेकर तंज कसा है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "चीन आज पाकिस्तान का दोस्त है, अगर भारत उनसे दोस्ती निभाई होती तो चीन पाकिस्तान का दोस्त नहीं होता।"
बता दे कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता अब्दुल्ला यही नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि चीन के कब्जे वाले कश्मीर को लेकर हम चिल्ला तो सकते हैं लेकिन हमारे पास ताकत नहीं है कि हम उनसे वह ले सके। अब्दुला ने आगे कहा कि चीन के साथ दोस्ती ही तनाव के समाधान का एकमात्र जरिया है क्योंकि युद्ध इसका समाधान नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत को अपने राजनयिक रिश्तों को बढ़ाना चाहिए और इससे ही मामले को सुलझाया जा सकेगा। उनके अनुसार, चीन का मकसद काराकोरम बाइपास बनाना है जो सिल्क रूट का हिस्सा होगा और उन्हें पोर्ट से जोड़ेगा। यह चीन अधिकृत क्षेत्र से होकर गुजरेगा। इसके अलावा दलाई लामा भी एक मुद्दा है। वे उन्हें देश से बाहर भेजने को कह रहे हैं। भारत किसी को आश्रय देना जानता है देश से बाहर निकालना नहीं।
फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की ओर से चीन विवाद को लेकर दिए बयान पर टिप्पणी की। अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे नहीं पता कि चीन कश्मीर में दखल दे रहा है या नहीं। उनको ज्यादा जानकारी होगी क्योंकि वह मुख्यमंत्री हैं। अब्दुल्ला से जब पूछा गया कि पहली बार किसी नेता ने यह माना है कि चीन कश्मीर में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश कर रहा है। इस पर अब्दुल्ला ने कहा कि पता नहीं इनके पास यह जानकारी कहां से आई है। मेरे ख्याल से जब राजनाथ जी से मिले होंगे तब ही उनको इस बात की जानकारी हुई होगी।
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