Archived

20 जुलाई को देश को मिलेगा नया राष्ट्रपति, जानिए- कैसे होता है चुनाव

Arun Mishra
7 Jun 2017 12:33 PM GMT
20 जुलाई को देश को मिलेगा नया राष्ट्रपति, जानिए- कैसे होता है चुनाव
x
राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा
जानिए- कैसे होता है देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद राष्ट्रपति का चुनाव?
नई दिल्ली : मुख्य निवार्चन आयुक्त नसीम जैदी और दो अन्य निवार्चन आयुक्त बुधवार शाम को नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में चुनाव की तारीख का ऐलान किया। राष्ट्रपति चुनाव के लिए 14 जून को अधिसूचना जारी होगी। नामांक​न भरने की अंतिम तारीख 28 जून होगी। नए राष्ट्रपति के लिए मतदान17 जुलाई को होगा, 20 जुलाई को मतगणना होगी।

चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा- राष्ट्रपति चुनाव बैलेट पेपर पर होंगे। चुनाव आयोग बैलेट पर पर टिक करने के लिए एक खास पेन मुहैया कराएगा। किसी और पेन का उपयोग करने पर वोट अवैध हो जाएगा। चुनाव आयोग ने कहा, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कोई भी पार्टी अपने विधायक, सांसद को व्हिप जारी नहीं कर सकती है।

महत्वपूर्ण तारीखें
अधिसूचना-14 जून
नामांकन की आखिरी तारीख-28 जून
नामांकन की जांच-29 जून
नामांकन की वापसी-1 जुलाई
चुनाव-17 जुलाई
मतगणना- 20 जुलाई

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 25 जुलाई को समाप्त हो रहा है। 25 जुलाई से पहले भारत का नया राष्ट्रपति चुन लिया जाएगा। मोदी सरकार और विपक्ष ने फिलहाल अपने पत्ते नहीं खोले है। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में एनडीए का पलड़ा भारी नजर रहा है। दूसरी ओर सोनिया गांधी ने विपक्षी एकता का आह्वान किया। शुक्रवार को उन्होंने संसद भवन में विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक की है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार अगले कुछ दिनों में सरकार और विपक्ष जल्द ही अपने उम्मीदवारों का नाम तय कर लेगी।

कैसे होता है देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद राष्ट्रपति का चुनाव?
चंद दिनों में राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का एलान हो जाएगा और ये संभव है कि जुलाई तक हमें पता चल जाएगा कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की जगह कौन लेगा। इस सबके बीच सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर राष्ट्रपति का चुनाव होता कैसे है? हम आपके लिए राष्ट्रपति चुनाव से जुड़े उन सभी सवालों के जवाब लेकर आए हैं जो इस वक्त आपके मन में उठ रहे होंगे।

पहला सवाल- सबसे पहला सवाल कब होगा राष्ट्रपति का चुनाव ? राष्ट्रपति का चुनाव 5 सालों में एक बार होता है, सामान्य परिस्थितियों में आमतौर पर ये चुनाव जुलाई के महीने में होते हैं। चुनाव आयोग जल्द ही राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का एलान करने वाला है। संभवत: जुलाई के दूसरे सप्ताह में राष्ट्रपति का चुनाव हो सकता है।

दूसरा सवाल- राष्ट्रपति को कौन चुनता है ? राष्ट्रपति में आम जनता वोट नहीं डालती है, जनता की जगह उसके प्रतिनिधि वोट डालते हैं यानि ये सीधे नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष चुनाव हैं। राष्ट्रपति को राज्यों के चुने हुए प्रतिनिधि यानि विधायक, लोकसभा और राज्यसभा के सांसद चुनते हैं। राज्यसभा, लोकसभा विधानसभा के मनोनीत सांसद, विधायक राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं डालते हैं। किस पद्दति से होता है राष्ट्रपति पद का चुनाव?

आपको जानकर खुशी होगी कि हमारे देश में राष्ट्रपति के चुनाव का तरीका सबसे अनूठा और पारदर्शी है, एक तरह से इसे आप सर्वश्रेष्ठ संवैधानिक तरीका कह सकते हैं। इसमें विभिन्न देशों की चुनाव पद्धतियों की अच्छी बातों को चुन-चुन कर शामिल किया गया है। अपने यहां राष्ट्रपति का चुनाव एक इलेक्टोरल कॉलेज करता है, इसके सदस्यों का प्रतिनिधित्व वेटेज होता है।

कैसे तय होता है प्रतिनिधियों के वोटो का वेटेज?
लोकसभा और राज्य सभा के 776 सांसदों के कुल 5,49,408 है जबकि पूरे देश में 4120 विधायकों के 5,49, 474 है. इस तरह कुल वोट 10,98,882 है और जीत के लिए आधे से एक ज्यादा यानी 5,49,442 चाहिए. विधायक के मामले में जिस राज्य का विधायक हो उसकी 1971 की जनगणना के हिसाब से आबादी देखी जाती है। आबादी को चुने हुए विधायकों की संख्या से भाग दिया जाता है, अब जितना रिजल्ट आए उसकों 1000 से भाग किया जाता है। अब जो आंकड़ा हाथ लगता है, वही उस राज्य के एक विधायक के वोट का मूल्य होता है। सांसदों के वोटों के वेटेज का गणित अलग है। चुने लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के वोटों का मूल्य फिक्स होता है। एक सांसद के वोट का मूल्य 708 होता है।

क्या मोदी सरकार अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने की स्थिति में है?
केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी को शिवसेना, तेलुगू देशम पार्टी, अकाली दल, लोक जनशक्ति पार्टी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी सहित 14 अन्य पार्टी का समर्थन प्राप्त है। इस तरह उनके सांसदों और विधायकों के वोटों की संख्या 5,37,614 है. इसके बाद भी उनके पास जीत के लिए 11,828 वोट की कमी है। ऐसे में जरूरी है कि बीजेपी को कुछ और छोटे दलों का समर्थन मिले तभी राष्ट्रपति पद के लिए जरूरी वोट हासिल कर पाएंगे और तभी पीएम मोदी अपने पंसद का राष्ट्रपति बनवा पाएंगे।

Next Story