- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
फिर बढ़ सकती है सोनिया गाँधी की मुश्किलें!, CBI केंद्र से मांगेगी बोफोर्स घोटाले की फिर से जांच की इजाजत
Special Coverage News
14 July 2017 6:10 AM GMT
x
कांग्रेस के दामन पर सबसे बड़े 'दाग' के रूप में जाना जाने वाला बोफोर्स घोटाला एक बार फिर मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
नई दिल्ली: कांग्रेस के दामन पर सबसे बड़े 'दाग' के रूप में जाना जाने वाला बोफोर्स घोटाला एक बार फिर मुश्किलें खड़ी कर सकता है। CBI बोफोर्स तोप सौदे की जांच फिर शुरू करने के लिए केंद्र सरकार से इजाजत मांगने वाली है। संसद की पब्लिक अकाउंट्स कमिटी (PAC) के निर्देश पर सीबीआई ऐसा करने वाली है। CAG की लंबित रिपोर्ट्स की जांच कर रही PAC की एक उप-समिति के अध्यक्ष BJD नेता भातृहरि माहताब ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से गुरुवार को कहा कि वे बोफोर्स सौदे के 'सिस्टैमिक फेल्यर' और घूस लेने के आरोपों की फिर जांच करें।
इसके लिए करीब-करीब तैयारी पूरी कर ली गयी है। इस मामले को लेकर इस समय कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी पूरी तरह लोकलेखा समिति (PAC) से संबद्ध रक्षा मामलों की उपसमिति के रडार पर चढ़ी हुर्इ हैं। बताया जा रहा है कि एक संसदीय समिति के ज्यादातर सदस्यों ने सीबीआई से दिल्ली हार्इकोर्ट के 2005 के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने को कहा है, जिसमें बोफोर्स मामले में कार्यवाही निरस्त कर दी गयी थी।
बताया जा रहा है कि इस दौरान बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि अगर बाबरी विध्वंस मामले में बीजेपी नेताओं के खिलाफ आरोप फिर से निर्धारित किए जा सकते हैं, तो फिर बोफोर्स मामले में ऐसा क्यों नहीं हो सकता। जब सीबीआई के निदेशक ने उप-समति को बताया कि एजेंसी को इस सिलसिले में केंद्र सरकार से निर्देश लेने होंगे, तो माहताब ने कहा कि एजेंसी सिर्फ अपना काम करे और फैसला केंद्र सरकार पर छोड़ दे। इस पर वर्मा ने कहा कि वह दो हफ्ते के अंदर समिति के सामने पेश होंगे।
Next Story