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सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले, कुश्ती महासंघ से करेंगे बात: सुशील कुमार
Special Coverage news
7 Jun 2016 7:45 AM GMT
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नई दिल्ली: हाई कोर्ट में ट्रायल की याचिका खारिज हो जाने के बाद पहलवान सुशील कुमार ओलंपिक में भाग लेने के तहत भारतीय कुश्ती महासंघ से बात करेंगे। इसके बाद ही वे निर्णय करेंगे कि इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाए या नहीं। उन्हें यह दिखाने का मौका दिया जाना चाहिए कि वे सिर्फ ओलंपिक जाने के लिए ही सक्षम नहीं हैं बल्कि वहां स्वर्ण पदक से कम नहीं जीतेंगे।
सुशील के मेंटर महाबली सतबाल ने कहा कि वे इस फैसले से निराश हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह पूर्व विश्व चैंपियन अपनी जिंदगी की बेहतरीन फार्म में है और उसे कम से कम ट्रायल के मौके से वंचित नहीं करना चाहिए।
दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्लूएफआइ) से पूछा कि रियो ओलंपिक के 74 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करने को लेकर चयन ट्रायल की मांग की पहलवान सुशील कुमार की याचिका में झूठा हलफनामा देने के लिए डब्लूएफआइ परिषद उपाध्यक्ष राज सिंह के खिलाफ झूठी गवाही देने का मामला आखिर क्यों नहीं शुरू किया जाए। अदालत ने सुशील की याचिका खारिज करने के दौरान यह निर्देश दिया।
सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने चयन ट्रायल की मांग करने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि इससे चयनित खिलाड़ी नरसिंह पंचम यादव के मौकों को झटका लगेगा और देश को नुकसान पहुंचेगा।
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