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अनशन तोड़ते वक़्त हुई भावुक इरोम शर्मिला, बोली _ मुझे मणिपुर की सीएम बनना है

Special Coverage News
9 Aug 2016 1:23 PM GMT
अनशन तोड़ते वक़्त हुई भावुक इरोम शर्मिला, बोली _ मुझे मणिपुर की सीएम बनना है
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पिछले 16 सालों से अनशन कर रही इरोम शर्मिला ने मंगलवार को इंफाल में अपना अनशन खत्म कर दिया है. मणिपुर की रहने वाली इरोम का यह अनशन आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट यानी AFSPA के विराध में था.

अनशन खत्म करते समय इरोम अपने आंसू नहीं रोक पाईं. उन्होंने कहा, मैं क्रांति की प्रतीक हूं. मैं मणिपुर की मुख्यमंत्री बनना चाहती हूं, ताकि अपने मुद्दों को राजनीति के जरिये उठा सकूं. इरोम शर्मिला ने कहा कि मुझे आज़ाद किया जाए. मुझे अजीब सी महिला की तरह देखा जा रहा है. लोग कहते हैं, राजनीति गंदी होती है, मगर समाज भी तो गंदा है.

शर्मिला के वकील एल रेबादा देवी ने बताया, 'अदालत ने दो गवाहों की गवाही के बाद उन्हें 10,000 रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी.' अदालत ने अभी उनकी रिहाई का आदेश नहीं दिया है और तब तक शर्मिला को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

इरोम पहले ही ऐलान कर चुकी हैं कि वे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगी. उन्होंने नवंबर 2000 में सुरक्षा बलों के हाथों 10 नागरिकों की मौत के बाद आफ्स्पा हटाने की मांग करते हुए भूख हड़ताल शुरू की थी. भूख हड़ताल पर बैठने के तीन दिन बाद ही उन्हें मणिपुर सरकार ने खुदकुशी की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था.

अदालत ने उनसे कहा कि जमानत बांड भरने के बाद वह जो चाहे कर सकती हैं. शर्मिला से कई लोगों ने अनशन न तोड़ने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने इस अपील को नहीं माना. सरकार ने उन्हें सिक्योरिटी दी है कि इस फैसले से उन्हें उग्रवादियों से खतरे की आशंका जताई गई है.
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